Scrollup

केजरीवाल सरकार दिल्ली में जल भराव से निपटने के लिए बेहद गंभीर है। बीती रात हुई रिकॉर्ड के बाद उत्पन्न जलभराव की समस्या से निपटने के लिए सरकार मंत्रियों ने दिल्ली सचिवालय में आपात बैठक की। मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और इमरान हुसैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव, शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव, पीडबल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी और दिल्ली जल बोर्ड समेत जल-जमाव को रोकने से संबंधित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान भारी बारिश की वजह से जगह-जगह होने वाले जल भराव से तत्काल निपटने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इसके लिए एक संयुक्त कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां 24 घंटे अधिकारी मौजूद रहेंगे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1800110093 और वाट्सएप 8130188222 नंबर जारी किया है, जिस पर लोग कॉल कर या मैसेज कर कंट्रोल रूम को जल-जमाव की जानकारी दे सकेंगे।

आपातकालीन बैठक के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में मानसून की पहली बारिश हुई है। सफ़दरजंग स्थित मौसम वेधशाला (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 228 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 1936 के बाद पहली बार दिल्ली में एक दिन में इतनी बारिश हुई है। दिल्ली में पूरे मानसून के दौरान 800 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन पिछले 24 घंटे में ही पूरे मानसून का करीब 25 फीसद बारिश हो चुकी है। इतनी अप्रत्याशित बारिश के कारण दिल्ली में कई जगहों पर जल-जमाव की समस्या आई है। पानी का फ्लो ज्यादा होने की वजह से कई घंटों तक नाले भी ओवरफ़्लो रहे। इस वजह से जल-जमाव खत्म होने में कई घंटों का समय लगा। जलजमाव की वजह से करंट फैलने का ख़तरा बना रहता है। इसलिए एहतियात बरतते हुए कुछ इलाक़ों में पॉवर कट भी करना पड़ा।

वहीं, शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में 24 घंटे काम करने वाला कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है। यहां 8-8 घंटे की शिफ्ट में तीन वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी रहेगी। कंट्रोल रूम में हर समय अधिकारी मौजूद रहेंगे ताकि 24 घंटे जल भराव की निगरानी की जा सके। पानी से संबंधित बड़े विभाग, जैसे पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, सिंचाई और बाढ़ विभाग के अधिकारी भी वॉटर लॉगिंग कंट्रोल रूम में मौजूद रहेंगे, ताकि वे अपने-अपने विभाग से समन्वय कर सकें।

उन्होंने बताया कि सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे रात 10 बजे तक विभिन्न स्थानों पर लगाए गए पंपों की जांच कर लें। अगर उनमें कोई खराबी है, तो उसे ठीक करवा कर रात 10 बजे तक उसकी रिपोर्ट भेजें। एमसीडी और पीडब्ल्यूडी द्वारा कई इलाकों में मोबाइल पंप लगाए गए थे। अनुमान से ज्यादा बारिश होने के कारण यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये पंप समय से चले और उनकी क्षमता की समीक्षा की जाएगी। एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के साथ-साथ एनडीएमसी और कैंटोनमेंट बोर्ड को भी इसकी समीक्षा करने के लिए कहा गया है।

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सभी विभागों को अपनी क्विक रिस्पॉन्स टीम बनाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी इलाके से जलभराव की शिकायत मिलने पर ये टीमें तुरंत काम शुरू कर सकें। कई बार छोटी-छोटी वजहों से पानी भर जाता है। ट्रैफिक पुलिस, एमएलए और काउंसलर से कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में जलभराव वाली संभावित जगहों की सूची दें। मुख्य सचिव सभी विभागों के साथ मिलकर इस सूची की समीक्षा करेंगे और जरूरी निर्देश देंगे। इसी तरह, कई जगहों पर अलग-अलग विभागों में आपसी तालमेल न होने के कारण भी जलभराव की समस्या हो रही है। कई मामले सिंचाई और बाढ़ विभाग, एमडीएमसी, पीडब्ल्यूडी और डीडीए जैसे दो-तीन विभागों से जुड़े हुए हैं। ऐसे मामलों की भी सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं और इनकी लगातार निगरानी की जाएगी, ताकि जल भराव की समस्या न आए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कई इलाकों में बारिश का पानी निकलने के लिए नाले नहीं है। इस वजह से यह पानी सीवर से होकर निकलता है। यह समस्या केवल अनधिकृत कॉलोनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़े-बड़े पॉश इलाकों में भी है। कई इलाकों में विभिन्न कारणों से नालियां ढकी जा चुकी हैं और पानी की निकासी सीवर लाइन से होती है, जिससे सीवर लाइन के चोक होने का खतरा बना रहता है। इलाके की सारी मिट्टी व गाद सीवर लाइन में इकट्ठा होती है। इसलिए दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह सभी 11 जोन के लिए एक-एक रिसाइकलर मशीन लें, ताकि बड़े स्तर की ब्लॉकेज को ठीक किया जा सके। इसके अलावा, जल बोर्ड को सीवर की ड्यूटी के लिए कॉन्ट्रैक्ट लेबर का इंतजाम करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि कहीं भी जलभराव की समस्या होने पर दिल्लीवासी पीडब्ल्यूडी के कंट्रोल रूम में 1800110093 पर फोन करके जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप नंबर 8130188222 पर मैसेज भेज करके भी जानकारी दी जा सकती है।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia