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दिल्ली में सीवर ओवरफ्लो, दूषित जलापूर्ति और पाइपलाइन रिसाव के मुद्दों को तुरंत सुलझाने के लिए जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए इन समस्याओं पर तत्काल संज्ञान लेने की बात कही। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव को मात्र एक ही दिन में जनता से आई सीवर ओवरफ्लो, पाइपलाइन लीकेज से जुड़ी 80 शिकायतें भेजी और उन समस्याओं को सुलझाने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।

जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, जल बोर्ड के 1916 हेल्पलाइन पर 10,000 से ज़्यादा शिकायतें ऐसी है जिसका कोई समाधान नहीं निकला है। शिकायतों पर सीईओ को बार-बार निर्देश देने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। बार-बार शिकायतों के बावजूद वरिष्ठ डीआईबी अधिकारी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकाल पा रहे है। इस कारण कई स्थानों पर लोग अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर है। साथ ही निर्देशों के बावजूद अधिकारी साप्ताहिक निरीक्षण रिपोर्ट नहीं भेज रहे है। इसका क्या अभिप्राय है? क्या अधिकारी दिल्ली के लोगों को ओवरफ्लो हो रहे सीवर, दूषित जल आपूर्ति से निजात नहीं दिलाना चाहते है।

उन्होंने कहा कि, जब डीजेबी के सीईओ और अधिकारियों द्वारा शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है तो ऐसे में अब सीधे मुख्य सचिव को जल बोर्ड की सभी शिकायतें भेजी जायेंगी। जल मंत्री ने मुख्य सचिव को जनता की जल बोर्ड से जुड़ी सभी समस्याओं का 48 घंटे में शोर्ट टर्म समाधान निकालने और सप्ताह भर के भीतर समस्या को पूरी तरह ख़त्म करने के निर्देश भी दिए।

जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, मुझे पिछले मात्र 24 घंटों में सीवर ओवरफ्लो, दूषित जल और पाइपलाइन रिसाव के संबंध में 80 शिकायतें मिली है। ये उन सैकड़ों शिकायतों में से हैं जो मुझे पिछले हफ्ते ही मिली हैं। साथ ही जल बोर्ड के 1916 शिकायत निवारण पोर्टल पर 10000 से अधिक अनसुलझी शिकायतें हैं।

उन्होंने कहा कि, मैंने इनमें से कई शिकायतें सीईओ डीजेबी के संज्ञान में लेकर आई, लेकिन उसके बावजूद जमीनी स्तर पर स्थिति नहीं बदली है। मैं इस बात से हैरान हूं कि बार-बार शिकायतों के बावजूद वरिष्ठ डीआईबी अधिकारी इस मामले में कोई दीर्घकालिक सुधारात्मक कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। और इस कारण दिल्ली के लोगों को अमानवीय परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

जल मंत्री आतिशी ने कहा कि, मैंने कई बार सीईओ-डीजेबी, मेम्बर (वाटर), मेम्बर (फाइनेंस), मेम्बर (ड्रेनेज), और अन्य अधिकारियों को जनता के सामने बार बार आने वाली समस्याओं को समझने के लिए नियमित रूप से ग्राउंड इंस्पेक्शन करने का निर्देश दिया है। लेकिन मेरे निर्देशों के बावजूद कि सीईओ, मुख्य अभियंताओं और अन्य अधिकारी जिन्हें अपने निरीक्षण रिपोर्ट हर सोमवार को मुझे भेजनी होती है, उन से मुझे एक भी निरीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली है। इन सब से ऐसा लगता है जैसे डीजेबी अधिकारी चाहते है कि, दिल्ली के लोग ओवरफ्लो हो रहे सीवर, दूषित जल आपूर्ति और लीक हो रही पानी की पाइपलाइनों के साथ रहें।

जब डीजेबी के सीईओ और डीजेबी के सदस्यों को शिकायतें भेजने का कोई परिणाम नहीं निकला है, इसलिए अब डीजेबी से संबंधित सभी शिकायतें मुख्य सचिव को भेजी जायेंगी। और इन मुद्दों को हल करना अब मुख्य सचिव की जिम्मेदारी होगी।

इस बाबत जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि, मुख्य सचिव द्वारा हर समस्या का 48 घंटे में शोर्ट टर्म समाधान निकाला जाए और सप्ताह भर के भीतर समस्या को पूरी तरह से ख़त्म किया जाए

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