दिल्ली में जलसंकट के बीच जलमंत्री आतिशी का ग्राउंड ज़ीरो निरीक्षण जारी है। इस क्रम में जलमंत्री आतिशी ने राजस्व विभाग और जलबोर्ड के उच्चाधिकारियों के साथ अक्षरधाम स्थित, सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से दक्षिणी दिल्ली तक पानी पहुँचाने वाले मुख्य पाइपलाइन नेटवर्क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जलमंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, शहर भर में पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और यदि कहीं भी मुख्य पाइपलाइन में कोई लीकेज मिलती है तो उसे तुरंत दूर किया जाए।
इस मौक़े पर जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सरकार शहर भर में एडीएम और एसडीएम की टीमों द्वारा पेट्रोलिंग के ज़रिए सुनिश्चित कर रही है कि, मुख्य पाइपलाइनों से लीकेज के कारण एक बूँद पानी भी बर्बाद न हो। उन्होंने कहा कि, जल संकट के दौरान दिल्ली को कम पानी मिल रहा है, जिससे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उत्पादन घट गया है; ऐसे में पानी की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, पिछले कई दिनों से दिल्ली में हीटवेव चल रही है। लेकिन हरियाणा से पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने से दिल्ली में पानी के मौजूदा उत्पादन में कमी आई है। दिल्ली में वर्तमान में 1000 एमजीडी की तुलना में 40-45 एमजीडी पानी का कम उत्पादन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि, पानी की कमी से दिल्ली वाले परेशान है। इस परिस्थिति में यह सुनिश्चित करना ज़रूरी हो जाता है कि, कही भी एक बूँद पानी भी बर्बाद न हो। इसलिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली जलबोर्ड और राजस्व विभाग में एडीएम और एसडीएम के नेतृत्व में पेट्रोलिंग टीम पूरी दिल्ली में तैनात की है, जो शहर भर में पानी के हर मुख्य पाइपलाइन नेटवर्क का निरीक्षण कर रहे है।
जल मंत्री ने कहा कि, हम सुनिश्चित कर रहे है कि, पानी की कमी के इस दौर में पाइपलाइन लीकेज से एक बूँद पानी भी बर्बाद न हो। उन्होंने कहा कि, साथ ही इस इस बारे में भी प्रयासरत है कि, हरियाणा और हिमाचल से हमें अतिरिक्त पानी मिले क्योंकि अभी की परिस्थिति में दिल्ली को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, जिसका असर हमारे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों के उत्पादन पर पड़ा है। ऐसे में ये बेहद ज़रूरी है कि, जितना पानी मौजूद है उसका एक बूँद भी बर्बाद न हो।
बता दे कि, दिल्ली सरकार ने शहर में पाइपलाइन लीकेज से पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सभी एडीएम-एसडीएम स्तर के अधिकारी पानी की पाइपलाइन की मॉनिटरिंग पर लगाया है। मेन वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मॉनिटरिंग के लिए ये स्पेशल टीमें मुख्य जलस्रोत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वहाँ से प्राथमिक यूजीआर तक मेन वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मॉनिटरिंग करेंगी। इस दौरान प्रमुख पाइपलाइनों में कोई भी लीकेज मिलती है तो उसे 12 घंटे के भीतर ठीक किया जाएगा और अधिकारी दैनिक रूप से इसकी रिपोर्ट जलमंत्री को सौंपेंगे।