नई दिल्ली, 08 अप्रैल 2024
एलजी वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली के अंदर पानी और स्वास्थ्य समेत अन्य सेवाओं पर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पानी और स्वास्थ्य चुनी हुई सरकार के अधीन है। इसे लेकर एलजी साहब मंत्रियों को आदेश नहीं दे सकते हैं। एलजी साहब के चहेते अफसर ही जानबूझ कर साजिश के तहत दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दवाइयों की कमी पैदा कर रहे हैं और जल बोर्ड का पैसा नहीं दे रहे हैं। जब हम एलजी साहब से अपनी परेशानियां बताते हैं, तब वो कहते हैं कि ये तो स्थानांतरित विषय है, मेरे अधीन नहीं है, तो मैं क्या करूं? उन्होंने कहा कि अब एलजी साहब राज्य सरकार को स्थानांतरित विषयों पर मंत्रियांे की मीटिंग किस अधिकार से बुला रहे हैं? अगर एलजी साहब को सरकार चलाने का इतना ही शौक है तो वो भी चुनाव जीत कर आएं और सरकार चलाएं।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटता है। एलजी को थोड़ा संविधान को भी समझना चाहिए। एलजी साहब पानी, स्वास्थ्य, पर्यावरण और वन की बात कर रहे हैं। ये सारे ट्रांसफर सब्जेक्ट (राज्य सरकार को स्थानांतरित विषय) हैं। ये सारे विषय चुनी हुई सरकार के अधीन आते हैं। संविधान के कौन से अनुच्छेद ने एलजी साहब को यह शक्ति दे दिया है कि वो चुने हुए मंत्रियों को बुलाकर इस पर आदेश दे सकते हैं। यह एलजी साहब को बताना चाहिए।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब हम एलजी साहब को अपनी परेशानियां बताते हैं तब वो कहते हैं कि यह तो ट्रांसफर सब्जेक्ट है। यह विषय मेरे अधीन नहीं है, मैं क्या करूं। अब उन्हीं सब्जेक्ट के बारे में एलजी साहब मंत्रियों की मीटिंग बुला रहे हैं। क्यों बुला रहे हैं?
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों और पानी में समस्या क्यों हैं? क्योंकि एलजी साहब के चहेते अफसर जानबूझ कर षड़यंत्र करके दिल्ली के अंदर दवाइयों की कमी पैदा कर रहे हैं। एलजी साहब के चहेते अफसर जानबूझ कर दिल्ली जलबोर्ड का पैसा रोक रहे हैं, जबकि उस पैसे को दिल्ली विधानसभा ने पास किया है। एलजी साहब के चहेते अफसरों ने दिल्ली के अंदर फरिश्ते योजना के पैसे रोक दिए। फरिश्ते योजना के अंतर्गत अगर दिल्ली के अंदर कोई सड़क दुर्घटना में घायल होता था, तो उसका मुफ्त इलाज होता था।
उन्होंने बताया कि इन सारी चीजों को लेकर जब हम सुप्रीम कोर्ट गए तो तो वहां पर कोर्ट का आदेश होता है कि पैसा दीजिए। इसका मतलब साफ है कि गलत तरीके से पैसा रोका जा रहा है। गलत तरीके से सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी की जा रही है। एलजी साहब से एक ही निवेदन है कि आपके जो अफसर मनमानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ जांच कराइए। अगर जांच में अफसर दोषी पाए जाएं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कीजिए। इस तरह से नाटक करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली की जनता सब समझती है। दिल्ली सरकार कौन आदमी चलाएगा, यह दिल्ली की जनता तय करेगी। अगर एलजी साहब को सरकार चलाने का इतना ही शौक है तो वो अरविंद केजरीवाल के सामने चुनाव लड़ें, चुनकर आएं और सरकार चलाएं।