दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने देशवासियों को एक ‘चौथी पास राजा’ की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक महान देश में चौथी पास राजा था। वह बहुत अहंकारी और भ्रष्टाचारी था। कुछ लोगों के कहने पर राजा कुछ भी फैसले ले लेता था। इससे पहले राजा मोहम्मद बिन तुगलक हुआ करता था। वो भी ऐसे ही फालतू के काम किया करता था। राजा ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बैंकों का दो-ढाई लाख करोड़ लूट लिया और एयरपोर्ट, बिजली, तेल, खदान सब खरीद लिया। देश में पेट्रोल-डीजल, रसोईं गैस सब महंगा होने से चारों तरफ हाहाकार मच गया। राजा ने विरोध करने वालों को जेल में डालना शुरू कर दिया। आखिर में जनता को राजा की हकीकत पता चल गई और उसने उसे हटाकर एक ईमानदार देशभक्त आदमी को राजा बना दिया और देश खूब तरक्की करने लगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कहानी से प्रेरणा मिलती है कि अगर आपके देश में महंगाई, बेरोजगारी समेत ढेरों समस्याएं और सबकुछ गड़बड़ चल रहा है तो सबसे पहले जांच-परख कर देखें कि आपका राजा अनपढ़ तो नहीं है और उसका कोई दोस्त तो नहीं है। अगर है तो सबसे पहले अपने राजा को उखाड़ कर फेंको, वरना आपकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं होगा। इससे पहले विधानसभा सदस्य दिलीप पांडे ने सदन में एक संकल्प पत्र रखा, जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में संबोधन के दौरान एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि कहानी का शीर्षक “चौथी पास राजा” है। हम सबने बचपन में राजा-रानी की ढेरों कहानियां सुनी होंगी। मेरी कहानी में रानी नहीं है। सिर्फ राजा है। यह एक ऐसे राजा की कहानी है, जो अनपढ़ था, चौथी पास था और बेहद अहंकारी था। राजा के अंदर पैसे की बहुत हवस थी, वो इतना भ्रष्टाचारी था। यह एक महान देश की कहानी है, जो कई हजार साल पुराना देश है। उस देश में एक गांव में एक बहुत गरीब परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ। बच्चे को देख ज्योतिषी ने उसकी मां से कहा कि तुम्हारा लड़का बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा। मां को ज्योतिषी की बातों पर यकीन नहीं हुआ। वो सोचने लगी कि मैं तो बहुत गरीब हूं, मेरा बेटा कैसे सम्राट बनेगा? लेकिन ज्योतिषी ने विश्वास दिलाया कि तुम्हारे बेटे का ग्रह बताता है कि वो बड़ा सम्राट बनेगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो लड़का धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। वो गांव के एक स्कूल में पढ़ने जाता था, लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उसने चौथी के बाद स्कूल छोड़ दी। गांव के पास ही एक रेलवे स्टेशन था। घर का खर्च चलाने के लिए वो लड़का उस स्टेशन पर चाय बेचता था। लड़के को भाषण देने का बड़ा शौक था। वो गांव के लड़कों को इकट्ठा कर लेता था और भाषण देता था। धीरे-धीरे आसपास के गांव के लड़के भी इकट्ठे होने लगे। वो किसी भी मुद्दे पर भाषण देने लगता था। एक बार बोलने लगता था तो बंद ही नहीं होता था। ज्योतिषी ने जैसा कहा था, लड़का बड़ा हुआ और एक दिन वो उस महान देश का राजा बन गया। पूरे देश में उसका नाम चौथी पास राजा हो गया। लोग उसको चौथी पास राजा कहते थे। उसने पढ़ाई की नहीं थी। इसलिए उसको कुछ जानकारी नहीं थी। अफसर आते और अंग्रेजी में कुछ बोलते, जो राजा को समझ में नहीं आता था। अफसर जो मर्जी उससे दस्तखत करा ले जाते थे। राजा को अफसरों से पूछने में भी शर्म आती थी। उसको लगता कि अगर मैं कुछ पूछूंगा तो इनको पता चल जाएगा कि मैं अनपढ़ हूं। इसलिए वो नहीं पूछता था।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि धीरे-धीरे राजा को बुरा लगने लगा कि लोग मुझे चौथी पास कहते हैं। इसलिए उसने एक फर्जी डिग्री बनवा ली। राजा कहीं से एमए की फर्जी डिग्री बनवा कर लाया और बोला कि मैं एमए किया हूं। लोगों को यह बात ठीक नहीं लगी कि राजा ने फर्जी डिग्री बनवा ली। फिर लोगों ने आरटीआई डाली। जो भी आरटीआई डालता था, उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया जाता था। एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि एक बहुत ही शानदार आइडिया लेकर आए हैं। राजा ने उनको आइडिया बताने को बोला। लोगों ने कहा कि नोटबंदी कर दो, देश से भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा। राजा को कुछ समझ नहीं आया कि लोग क्या कह रहे हैं। उसको लगा कि कोई धासू आइडिया होगा। राजा ने एक दिन रात 8 बजे टीवी चैनलों पर आकर नोटबंदी कर दी और बोला कि आज से सारे नोट बंद। इसके बाद पूरे देश में हाहाकार मच गया। लोग तड़प गए, दुकानें-धंधे बंद हो गए। लोग बेरोजगार हो गए। पूरे देश के अंदर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। नोटबंदी करने से न आतंकवाद खत्म हुआ और न भ्रष्टाचार खत्म हुआ, बल्कि वो महान देश बर्बाद होकर 10-20 साल पीछे चला गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फिर एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि ये किसानों के कानून पास कर दो, खेती खूब बड़ी हो जाएगी। अनपढ़ राजा को तो कुछ अक्ल थी नहीं, उसने दस्तखत कर दी और किसानों के तीन काले कानून पास हो गए। पूरे देश के किसान सड़कों पर आ गए। जगह-जगह धरने होने लगे और एक साल में 750 से अधिक किसानों की मौत हो गई। आखिर में राजा को तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। धीरे-धीरे देश की समस्याएं बढ़ती गईं। इससे पहले एक और राजा मोहम्मद बिन तुगलक आया था। वो भी ऐसे ही करता था। उसने कभी देश की राजधानी बदल दी, कभी बोला मैं चमड़े के सिक्के बनाउंगा। उसकी ही तरह यह अनपढ़ राजा था। कुछ भी कर देता था।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक दिन राजा ने सोचा कि मैं तो राजा बन गया, लेकिन पता नहीं कितने दिन राजा रहूंगा। उसने तो गरीबी में अपना जीवन गुजारा था। उसे लगा कि पैसे तो कमाने चाहिए। पैसे कैसे कमाउं। पैसे कमाउंगा तो जनता में छवि खराब होगी। फिर उसने अपने एक दोस्त को बुलाया। उस दोस्त को बोला कि मैं राजा हूं, सारे सरकारी ठेके तुमको दिलाउंगा। नाम तेरा होगा और पैसा मेरा होगा। सारे पैसे पर 10 फीसद तुमको कमीशन मिलेगा। दोस्त मान गया। उसके बाद दोनों ने मिलकर जमकर देश को लूटा। उसका दोस्त उससे बोला कि सबसे पहले बैंकों को लूटते हैं। राजा बोला कि बैंकों को लूटना तो ठीक नहीं है। दोस्त बोला कि ऐसा करते हैं कि आप किसी बैंक के चेयरमैन को बुलाकर मुझे लोन देने के लिए बोलो। राजा बोला कि लोन वापस करना पड़ेगा। दोस्त ने उसे समझाया कि लोन कौन वापस करेगा। लोन वापस नहीं करना है। फिर राजा ने एक बैंक के चेयरमैन को बुलाकर अपने दोस्त को लोन देने के लिए बोला। लेकिन बैंक का चेयरमैन फंसने की डर से भाग गया। फिर उन्होंने एक ऐसा चेयरमैन चुना जो बहुत ही भ्रष्टाचारी था और उसके उपर 10 केस चल रहे हैं। राजा ने उससे अपने दोस्त को 10 हजार करोड़ रुपए देने को बोला। राजा ने उसको धमकी दी कि जेल जाना है या पैसे देने हैं। बैंक के चेयरमैन ने 10 हजार करोड़ रुपए का लोन दोस्त को दे दिया। इस तरह राजा और उसके दोस्त ने दो-ढाई लाख करोड़ रुपए बैंकों से लूट लिया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बैंकों को लूटने के बाद राजा और उसके दोस्त ने देश को खरीदना चालू किया। सबसे पहले उन्होंने देश के एयरपोर्ट खरीदे। पहले छह एयरपोर्ट खरीदे। फिर बिजली कंपनियां खरीदी और पूरे देश में बिजली के दाम बढ़ा दिए। फिर उन्होंने सी-पोर्ट, तेल और खदानें खरीद ली। इसके बाद इन्होंने प्राइवेट कंपनी मालिकों के पास पुलिस भेज कर उनकी कंपनियां छीन ली। पूरे देश के अंदर हाहाकार मच गया। पूरे देश में बहुत ज्यादा महंगाई हो गई। पहले रसोई गैस 400 रुपए प्रति सिलेंडर होती थी। लेकिन चौथी पास राजा के आने के बाद वो 1100 रुपए की हो गई। पहले पेट्रोल 71 रुपए प्रति लीटर होता था, उसके आने के बाद 97 रुपए प्रति लीटर हो गया। पहले डीजल 57 रुपए प्रति लीटर होता था, जो 90 रुपए हो गया। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के बाद सारी चीजों के दाम बढ़ गए। दूध पहले 46 रुपए प्रति लीटर होता था, जो 66 रुपए हो गया। इस राजा ने छोटे-छोटे बच्चों के दूध छीन लिए। सरसो का तेल 90 रुपए लीटर होता था, जो 214 रुपए हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे देश में हाहाकार मच गया और अब लोग राजा के खिलाफ आवाज उठाने लगे। तब राजा ने बोला कि जो मेरे खिलाफ बोलेगा, उसको पकड़ कर जेल में डाल दूंगा। राजा ने एक-एक कर आवाज उठाने वाले लोगों को पकड़-पकड़ कर जेल में डालने शुरू कर दिया। किसी ने राजा का कार्टून बना दिया, तो उसको भी जेल में डाल दिया। किसी ने राजा का नाम गलत ले लिया तो उसको भी जेल भेज दिया। किसी टीवी चैनल वाले ने राजा के खिलाफ लिख दिया तो उसको भी पकड़कर जेल में डाल दिया। किसी जज ने राजा के खिलाफ कोई ऑर्डर कर दिया तो उसको भी पकड़ कर जेल में डाल दिया। चौथी पास राजा ने जजों, पत्रकारों, व्यापारियों, उद्योगपतियों समेत किसी को भी नहीं छोड़ा, सबको जेल में डालना शुरू कर दिया और एक महान देश कहां से कहां पहुंच गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसी देश के अंदर एक छोटा सा राज्य था। उस राज्य का एक मुख्यमंत्री था। वो मुख्यमंत्री अपने लोगों का खूब ख्याल रखता था। मुख्यमंत्री कट्टर ईमानदार, कट्टर देशभक्त था। वो मुख्यमंत्री पढ़ा-लिखा था। उस मुख्यमंत्री ने अपने लोगों को महंगाई से छुटकारा दिलाने के लिए बिजली मुफ्त कर दी। उसके बाद चौथी पास राजा पागल हो गया। चौथी पास राजा ने उस मुख्यमंत्री को बुलाकर खूब हड़काया और बोला कि बिजली मुफ्त करने की तेरी हिम्मत कैसे हुई। राजा ने तो सारी बिजली कंपनियों पर कब्जा कर रखा था। उसे लगा कि ये मुख्यमंत्री बिजली मुफ्त करने लगा तो मेरा बेड़ गर्क हो जाएगा। मेरी बिजली कंपनियां तो लूट जाएंगी। राजा ने मुख्यमंत्री को कहा कि खबरदार तुमने बिजली मुफ्त की। मुख्यमंत्री नहीं माना। मुख्यमंत्री ने अपने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कूल ठीक करने चालू कर दिए। फिर चौथी पास राजा उसको बुलाकर हड़काया। उसने स्कूल ठीक करने का काम बंद करने के लिए कहा, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं माना। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सबका इलाज मुफ्त कर दिया। शानदार मोहल्ला क्लीनिक खोल दिए। इसके बाद राजा बिल्कुल पागल हो गया। धीरे-धीरे जनता को पता चला कि राजा कैसा है? एक दिन लोगों ने उस राजा को उखाड़ कर फेंक दिया। लोगों ने एक ईमानदार और देशभक्त आदमी को वहां बैठा दिया। उसके बाद देश से महंगाई खत्म हुई और देश रात-दूनी दिन चौगुनी तरक्की करने लगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि अगर आपके देश में महंगाई समेत ढेरों समस्याएं हैं और सबकुछ गड़बड़ चल रहा है तो सबसे पहले जांच-परख कर देखें कि आपका राजा अनपढ़ तो नहीं है। अगर आपके देश में सब गड़बड़ चल रहा है, बेरोजगारी समेत बहुत सारी समस्याएं हैं तो देखे कि आपके राजा का कोई दोस्त तो नहीं है। अगर है तो सबसे पहले अपने राजा को उखाड़ कर फेंको, नहीं तो आपकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं होगा।
भ्रष्टाचार का एक ही काल, केजरीवाल-केजरीवाल के लगे नारे
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सोमवार को जब सीएम अरविंद केजरीवाल पहुंचे, तो सदस्यों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी कर उनका स्वागत किया। विधानसभा सदस्यों ने ‘भ्रष्टाचार का एक ही काल, केजरीवाल-केजरीवाल का नारा जोर-शोर से लगाया। इसके अलावा भी सदस्यों ने कई नारे लगाए और सीएम का उत्साह बढ़ाया।
विधानसभा सदस्य दिलीप पांडे ने सदन में रखा संकल्प पत्र, हुआ पास
इस संकल्प पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की विधानसभा दिनांक 17 अप्रैल, 2023 को आयोजित अपनी बैठक में संकल्प करती है।
भारत के प्रधानमंत्री, जो दुनिया में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं, वह सबसे युवा राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी को कुचलने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं,
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने लंबे समय से आम आदमी पार्टी के तेजी से विकास एवं विस्तार और इसके राष्ट्रीय संयोजक श्री अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने की कोशिश की है,
हालांकि, देश के दूर-दराज के भागों में श्री अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने में नाकाम रहने पर, प्रधानमंत्री ने आम आदमी पार्टी को कुचलने के लिए सीबीआई, ईडी सहित सभी केंद्रीय एजेंसियों को फैला दिया है,
स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री सिर्फ एक शख्स से डरते हैं, जिसका नाम अरविंद केजरीवाल है,
श्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दिल्ली के मॉडल ऑफ गवर्नेस के माध्यम से पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि भारत खुद को इस दुनिया में नंबर वन के रूप में बदल सकता है,
देशभर के लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उनके जबरदस्त काम को देखा है,
गुजरात में भाजपा की सरकार पिछले 30 वर्षों में एक भी विश्वस्तरीय स्कूल नहीं बना सकी, जिसके कारण प्रधानमंत्री को टेंट से बने अस्थायी स्कूल का वीडियो बनाना पड़ा,
दशकों से कई राज्यों में भाजपा के शासन के बावजूद, वे अपने नागरिकों को मुफ्त बिजली और पानी जैसी बुनियादी सेवाएं देने में विफल रहे हैं,
प्रधानमंत्री ने महसूस किया है कि वह शासन के मामले में अरविंद केजरीवाल के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते,
भारत के लोग अरविंद केजरीवाल के सपने पर विश्वास करते हैं, उन्हें भरोसा है कि अरविंद केजरीवाल भारत को नंबर-1 बना सकते हैं और यह सपना उनके जीवनकाल में ही हासिल किया जा सकता है,
आज अरविंद केजरीवाल 140 करोड़ भारतीयों की आशा का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन प्रधानमंत्री भारत के लोगों की इस उम्मीद को कुचलना चाहते हैं,
इस सदन ने अवलोकन किया है कि भारत भर के लोग अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ रहे हैं और भारत को नंबर-1 बनाने के लिए इस मूक क्रांति का हिस्सा बन रहे हैं,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पूरी ताकत और एजेंसियों के साथ इस विचार को कभी नहीं रोक पायेंगे,
जैसा कि विक्टर ह्यूगो का कथन है- पृथ्वी पर कोई भी ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती, जिसका समय आ गया है।