सरकारी तंत्र का बेजा इस्तेमाल करते हुए दोषी भाजपा अध्यक्ष के बेटे को बचा रही है भाजपा सरकार
चंडीगढ़ में जिस तरह से एक बेटी के साथ हरियाणा बीजेपी के नेता सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके दोस्त ने छेड़खानी और उसका अपहरण करने की कोशिश की है, इस कृत्य की आम आदमी पार्टी निंदा करती है और मांग करती है कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कानून के मुताबिक़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और दोषियों को सज़ा दिलाई जाए, चाहे फिर ऐसे लोग कितना बड़ा रसूख़ ही क्यों ना रखते हों या फिर कितने भी प्रभावशाली हों, अपराधियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए।
इस मुद्दे पर पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रैस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लाम्बा ने कहा कि ‘जिस तरह का वाकया चंडीगढ़ में पेश आया है वो बेहद ही निंदनीय है, हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष के बेटे ने जिस तरह से एक बेटी के साथ सड़क पर बदसलूकी की और उसका अपहरण करने की कोशिश की उससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि चाहे बीजेपी के नेता हो या फिर उनके बिगड़ैल पुत्र हों, इन लोगों पर सत्ता का नशा इस कदर चढ़ा हुआ है कि ये लोग हमारी बहन-बेटियों तक के साथ बदसलूकी करने से बाज़ नहीं आते हैं। उपर से ऐसे लोगों को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता और अपनी पूरी सरकार और सिस्टम तक को लगा देते हैं जो बेहद ही शर्मनाक हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और महिला संगठन की दिल्ली प्रदेश संयोजक रिचा पांडे मिश्रा ने कहा कि ‘चंडीगढ़ में बीजेपी नेता के बिगड़ैल बेटे के शर्मनाक कृत्य ने यह साबित कर दिया है कि यह पार्टी बेटियों के सम्मान को कुचलने की मंशा रखती है और यही भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा है। बेटी बचाओ और बेटी बढ़ाओ का नारा बीजेपी नेताओं के लिए सिर्फ़ एक जुमला है क्योंकि इनका चरित्र मानसिक तौर पर ही महिला विरोधी है। पहले ये महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हैं और अब पूरे सरकारी तंत्र का बेजा इस्तेमाल करते हुए भारतीय जनता पार्टी अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
दिल्ली पुलिस की तरह चंडीगढ़ की पुलिस भी केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के आधीन आती है और भाजपा नेता पुलिस पर दबाव बनाकर इस मामले में अपराधी हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष के बेटे को बचाने का प्रयास कर रहे हैं जो बेहद शर्मनाक है। हम केंद्र और हरियाणा सरकार में बैठी भारतीय जनता पार्टी से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं-
1. चंडीगढ़ में हुए इस कृत्य पर भारतीय जनता पार्टी का स्टैंड क्या है?
2. किसने पुलिस पर अपहरण की और ग़ैर-ज़मानती धाराओं को हटाने का दबाव बनाया?
3. चंडीगढ़ जैसे बेहद सुरक्षित शहर में अचानक सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्ड़िंग क्यों नहीं मिल रही है? कहीं ऐसा तो नहीं कि जानबूझकर फुटेज डीलिट करवाई गई हैं?
4. अपराधियों को कानून के मुताबिक़ उचित सज़ा दिलाने की मंशा को लेकर भाजपा क्या सोचती है?
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