नई दिल्ली, 02 मई 2024
आम आदमी पार्टी ने भाजपा और मोदी सरकार पर जानलेवा कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूटी ऑफ इंडिया से करोड़ों रुपए का चंदा लेने पर तीखा हमला बोला है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को आम आदमी की जिंदगी से कोई मतलब नहीं है। उसने कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जान का सौदा करते हुए कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी से 50.25 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। जब कोरोना से पूरी दुनिया पीड़ित थी। भारत में लाखों लोगों की जान चली गई, श्मशान लाशों से भरे थे, तब भाजपा भ्रष्टाचार के खेल में डूबी हुई थी। कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने अगस्त 2022 में 50.25 करोड़ का चंदा दिया और भाजपा ने उसी महीने इसे कैश कराया। इससे पहले केंद्र सरकार ने साजिश के तहत मई 2021 में वैक्सीन की कीमत 150 से बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया और डील के तहत उसे पैसा मिल गया। उन्होंने कहा कि मार्च 2021 में कोविशील्ड के दुष्प्रभाव सामने आने लगे थे और दुनिया भर में हाहाकार मचने पर कई देशों ने इसपर रोेक लगा दी। इसके बाद भी मार्च 2021 में प्रधानमंत्री ने सीरम कंपनी को 10 करोड़ डोज का और ठेका दे दिया। प्रधानमंत्री को जानलेवा कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए देश की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए।
सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूरा देश इस बात को जानकर हैरान है कि बीजेपी और केंद्र सरकार को आम आदमी की जिंदगी से कोई लेना देना नहीं है। लोग मरते रहें, उनकी जान चली जाए। इस बात से भाजपा को कोई लेना-देना नहीं है। बीजपी और उसकी केंद्र सरकार को हर स्थिति में रिश्वत चाहिए। उन्हें भ्रष्टाचार करना है, भले ही वो आपके मौत के नाम पर ही क्यों न मिले। बीजेपी को मौत के बदले भ्रष्टाचार भी मंजूर है। उन्होंने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि जब कोरोना की महामारी से पूरा देश पीड़ित था। यह पूरी दुनिया और भारत के लिए बहुत बड़ी त्रासदी थी। लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। उस समय श्मशान में लाशें जलाने के लिए भी जगह नहीं थी। ऐसे दृष्य भी सामने आए थे, जब लोग अपने परिवारवालों का अंतिम संस्कार किए बिना उनके शव को छोड़कर चले गए। कोरोना महामारी के दृश्य आज भी आखों के सामने आते हैं कि किस तरह लोग नंगे पांव पैदल चलकर अपने घरों की ओर जा रहे थे। ट्रेन की पटरियों पर मजदूर कटकर मर गए। जब भी यह सब याद आता है तो आत्मा हिल जाती है।
उन्होंने कहा कि जब श्मशान में लाशें जल रही थीं, अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन नसीब नहीं हो रहा था, तब भाजपा भ्रष्टाचार के खेल में डूबी हुई थी। भाजपा ने कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन बनाने ठेका दिया। जनवरी 2021 में ठेका देकर कंपनी से 1 करोड़ 10 लाख डोज मांगी गई, तब प्रति डोज की कीमत 150 रुपए थी। इसके बाद जब यह वैक्सीन मार्केट में आई तो इसके दुष्प्रभाव से दुनिया भर में हाहाकार मच गया। इस वैक्सीन के कई तरह के दुष्प्रभाव सामने आने लगे थे। वैक्सीन लगाने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई। इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए मार्च 2021 में जर्मनी, इटली, डेनमार्क, फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड, आयरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और ऑस्ट्रिया ने समेत दुनिया के कई देशों ने कोविशील्ड वैक्सीन को अपने देश में प्रतिबधित कर दिया। उसी समय मार्च 2021 में ही भारत के प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट को 10 करोड़ डोज बनाने का और ठेका दे दिया। इसके बाद लोगों से वैक्सीन लगवाने के लिए बोला गया। सभी को प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ सर्टिफिकेट दिया गया। लेकिन अब वो तस्वीर हटा दी गई है। बीजेपी वालों ने पूरे देश में यह हल्ला मचाया कि मोदी जी सबका जीवन रक्षा कर रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि मई 2021 में इस वैक्सीन का दाम अचानक बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया गया। जब लोग महामारी से मर रहे थे, उस दौरान वैक्सीन का दाम 150 से 600 रुपए बढ़ा दिए गए। जब भारत में कोविशील्ड की कीमत 600 रुपए की गई, तब अमेरिका में इसकी कीमत 400 रुपए, बंग्लादेश में 280 रुपए, यूके में 210 रुपए और यूरोपियन यूनियन में 210 रुपए की थी। सीरम इंस्टीट्यूट के मालिक अदर पूनेवाला ने एक इंटरव्यू में स्वीकारा था कि कंपनी को वैक्सीन 150 रुपए में बेचने के बाद भी फायदा हो रहा था। इसके बाद भी भाजपाइयों ने कहा कि तुम्हें तो फायदा हो रहा है, लेकिन हमें क्या फायदा हो रहा है? अगर बीजेपी को फायदा नहीं हो रहा है तो क्या हम तुम्हारी वैक्सीन बिकने देंगे? इसलिए भाजपा ने अपने फायदे के लिए इसका दाम 600 रुपए बढ़ा दिया। अगस्त 2022 में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा 50.25 करोड़ रुपए की रिश्वत बीजेपी को दी गई। यह सीधा-सीधा क्विड प्रो क्वो का मामला है। वैक्सीन का दाम 600 रुपए किया गया और 50.25 करोड़ की रिश्वत ली गई। यह रिश्वत तो खुलेआम पकड़ी गई। टेबल के नीचे से इन लोगों ने न जाने कितनी रिश्वत खाई होगी।
संजय सिंह ने कहा कि जब बिट्रेन में इस कंपनी पर केस हुआ तो कंपनी को 1000 करोड़ रुपए का हर्जाना देना पड़ा। बुधवार को इस बात का खुलासा हुआ कि इससे लोगों की जान जा रही है। भ्रष्टाचार के प्रति बीजेपी का ऐसा समर्पण कि लोगों की जान जाए तो जाए। इसी जानलेवा वैक्सीन के विज्ञापन में 6000 करोड़ रुपए खर्च किए गए। उन्होंने सवाल किया कि इस वैक्सीन से जिन लोगों की जान गई है, भारत की सरकार ने ब्रिटेन की तरह लोगों को हर्जाना देने का पहल अब तक क्यों नहीं की? इसपर अब तक कोई जांच क्यों नही बैठी? जबकि कांग्रेस और कई सांसदों ने यह मामला संसद में भी उठाया था। इसके पीछे कारण यह है कि बीजेपी ने इस कंपनी ने चंदा लिया है। देश के प्रधानमंत्री को यह जानलेवा वैक्सीन लगवाने के लिए देश की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी के नेता वैक्सीन का दाम 150 से 600 करने के लिए माफी मांगें। आपने इस कंपनी से 50.25 करोड़ का जो चंदा लिया है उसके लिए आपको देश से माफी मांगनी चाहिए