सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार के अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार देने के फैसले को आम आदमी पार्टी ने ‘लंबे संघर्ष के बाद जीत’ करार दिया है। “आप” के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की जीत है। यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हुआ कि मोदी सरकार किस तरह से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार का गला घोंट रही थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार अब सही रवैया अपनाए, ताकि लोगों को लगे कि आपको संघीय ढांचे में यकीन है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला दिल्ली के दो करोड़ लोगों की जीत है। अरविंद केजरीवाल के संघर्षों, उनके जज्बे, उनकी लगन और इच्छाशक्ति की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि एक पार्टी और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को इस बात की सजा दे रहे थे कि जनता ने आम आदमी पार्टी को कैसे चुन लिया। हम मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूल नहीं बनने देंगे। हम शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं होने देंगे। घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर रोक लगाएंगे। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुर्भावनापूर्ण राजनीति पर विराम लगाने का काम किया है। इस फैसले ने यह भी साबित किया है कि किस तरीके से नरेंद्र मोदी की सरकार लोकतांत्रिक ढंग से प्रचंड बहुमत से चुनी हुई अरविंद केजरीवाल सरकार का गला घोंट रही थी। किस तरीके से उनके काम में अड़ंगा डाल रही थी।
उन्होंने कहा कि अपने लाल अरविंद केजरीवाल के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहे दिल्ली के दो करोड़ लोग बधाई के पात्र हैं। अरविंद केजरीवाल और पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता भी बधाई का पात्र हैं, जिन्होंने इतनी मुसीबतों में भी दुनिया के अंदर एक बेहतरीन सरकार चलाकर दिखाई। अरविंद केजरीवाल का गुनाह केवल यह था कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूल अच्छे करना चाहते थे। अरविंद केजरावाल के मुख्यमंत्री बनने से पहले सरकारी स्कूलों में मकड़ी के जाले लगे थे, टाट-पट्टी पर बैठकर बच्चे पढ़ते थे और बच्चियों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं थी। उन सरकारी स्कूलों को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने इतना बेहतरीन बनाया कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी भारत आई तो उन्होंने कहा कि हमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बनाए सरकारी स्कूल देखने हैं। सरकारी स्कूलों में स्विमिंग पूल का निर्माण, एथलीट के ग्राउंड बनाएं। सरकारी स्कूलों के टीचरों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा। 8 साल से सरकारी स्कूलों के इंटर का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहा है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकर ने मोहल्ला क्लीनिक का बेहतरीन मॉडल दिया।इसकी चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है। डोर-टू-डोर राशन की स्कीम लागू करना चाहते थे, लेकिन यह नहीं होने दिया। मोहल्ला क्लीनिक की संख्या बढ़ाने पर भी रोक लगा दी। हर काम में परेशान किया। लेकिन सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता। यह बात आज सच साबित हुई। यह भी सच साबित हुआ कि लोकतंत्र के अंदर जनता मालिक है और जनता द्वारा चुनी सरकार ही सर्वोपरि है। कोई राज्यपाल सर्वोपरि नहीं है। चुनी हुई सरकार के ऊपर कोई लाट साहब बॉस नहीं हो सकता है। मोदी जी एक अजीब खेल खेल रहे थे। दो करोड़ लोग प्रचंड बहुमत से अरविंद केजरीवाल जी को चुनकर भेजते हैं और नरेंद्र मोदी जी इनके ऊपर एक लाट साहब बिठा देते हैं।उसे कहते हैं कि सरकार को डंडे से चलाओ।
उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि आप इस देश के अभिभावक है। आपको इस देश के 140 करोड़ लोग अपने अभिभावक के रूप में देखते हैं। ऐसे में दुर्भावना की राजनीति बंद कीजिए। राज्य सरकारों का गला घोंटने की राजनीति बंद कीजिए। अरविंद केजरीवाल से आपकी राजनीतिक लड़ाई हो सकती है, लेकिन उनको चुनने वाली जनता को सजा मत दीजिए। उनके स्कूलों और अस्पतालों को मत रोकिए। आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश मोदी सरकार और लाट साहब की तानाशाही और लोकतंत्र का गला घोटने के प्रयास पर एक जोरदार तमाचा है। अब आगे मोदी सरकार को सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए। अब आपके लिए अरविंद केजरीवाल के कामों पर किसी भी प्रकार का अड़ंगा लगाने की कोई गुंजाइश नहीं बची है, लेकिन अब मन में कोई नई योजना बनाकर प्रयास मत कीजिए। ऐसा सहयोगात्मक रवैया अपनाइए कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को भी लगे कि इस देश के संघीय ढांचे, लोकतंत्र और संविधान में आपका यकीन है। जिस संविधान और जिस जनता ने एक सरकार चुनकर दी, उस जनता को उस सरकार से हर प्रकार का लाभ अपने लिए लेने का अधिकार है।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बहुत अच्छी बात कही कि अब तक हमारे साथ यह होता रहा कि हमारे दोनों हाथ-पैर बांधकर तैरने के लिए पानी में फेंक दिया और बोले कि तैरकर दिखाओ, ओलंपिक का मेडल लेना है। इतनी बाधाएं हमारे सामने खड़ी की गई, लेकिन इसके बावजूद इतना अच्छा काम करके दिखाया। अगर शायद ये बाधाएं नहीं होतीं तो आज दिल्ली की तस्वीर और बेहतरीन होती। और तेजी से काम हो सकता था। जनता के टैक्स के पैसे से सैलरी पाने वाले अधिकारियों ने भी अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही करके और जनता को वरीयता न देकर लाट साहब को वरीयता देते हुए अपराध किया। यह लोकतंत्र और दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की बहुत बड़ी जीत है। एक ऐसा शख्स, जो इनकम टैक्स की नौकरी छोड़कर देश की व्यवस्था को बदलने के लिए निकला था, हिंदुस्तान और दिल्ली के लिए जो सपना उसने देखा, उस सपने को पूरा करने की दिशा में और तेज गति से आगे बढ़ेंगे।