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केजरीवाल सरकार के प्लाज्मा बैंक से 710 लोगों को मिला मुफ्त प्लाज्मा, 921 लोग कर चुके हैं प्लाज्मा दान

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्लाज्मा बैंक खोलने की पहल बनी कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी

दिल्ली में गंभीर कोविड मरीजों को स्वस्थ्य करने में कारगर साबित हो रहा प्लाज्मा थेरेपी

  • अब तक प्लाज्मा बैंक से दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे 710 कोविड के गंभीर मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराया गया प्लाज्मा
  • अभी तक कोविड मरीजों के लिए ‘ए’ ग्रुप के 171, ‘ओ’ ग्रुप के 180 और ‘बी’ ग्रुप के 269 यूनिट प्लाज्मा दिया गया
  • आईएलबीएस अस्पताल में कोविड-19 से ठीक हो चुके अब तक करीब 921 लोगों ने दान दिया प्लाज्मा

नई दिल्ली, 11 अगस्त, 2020

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्लाज्मा बैंक खोलने की निजी पहल अब कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी बन गई है। दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के साथ, प्लाज्मा थेरेपी दिल्ली -एनसीआर में गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के शीघ्र स्वस्थ्य करने में कारगर साबित हुआ है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहल पर देश का पहला प्लाज्मा बैंक 2 जुलाई को आईएलबीएस अस्पताल में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य कोविड के गंभीर मरीजों को निःशुल्क उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा प्रदान करना था। इसके बाद, दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में एक और प्लाज्मा बैंक शुरू किया गया। जिससे अब तक 710 लोगों को मुफ्त प्लाज्मा दिया गया है, जिससे कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज संभव हो पाया। अब तक 921 लोग प्लाज्मा दान कर चुके हैं। दिल्ली माॅडल का यह सिस्टम कोविड इलाज प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण तत्व रहा है और अब देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पताल में स्थापित प्लाज्मा बैंक से दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार व एमसीडी के अस्पतालों के अलावा सभी निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे कोरोना के गंभीर मरीजों को निशुल्क प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा रहा है। आज की तारीख तक आईएलबीएस और एलएनजेपी के प्लाज्मा बैंक से 710 यूनिट प्लाज्मा दिल्ली के विभिन्न सरकारी व निजी अस्प्तालों में इलाज करा रहे कोरोना के गंभीर मरीजों को निशुल्क दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दुनिया के सभी विशेषज्ञों का मानना था कि प्लाज्मा से कोरोना के गंभीर मरीजों का कारगर इलाज हो सकता है। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से प्लाज्मा थेरेपी की इजाजत मांगी। केंद्र सरकार से इजाजत के बाद प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल दिल्ली में शुरू हुआ। जिसके नतीजें बेहतर आए। जिसके बाद इसका विस्तार किया गया। आम जनता को प्लाज्मा मिलने में दिक्कत हो रही थी। जिसे सुलभ करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा प्लाज्मा बैंक स्थापित किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 मरीजों को शीघ्र स्वस्थ्य करना और मौतों की संख्या शून्य करना था। प्लाज्मा बैंक के लॉन्च के दौरान, सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आगे आकर प्लाज्मा दान करने और कोरोना के खिलाफ दिल्ली की लड़ाई में प्रभावी योगदान देने का अनुरोध किया था, जो कि कोविड प्रतिक्रिया के दिल्ली मॉडल का सार है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 मरीजों की मृत्यु दर कम करने में प्लाज्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और जब तक कोई टीका नहीं आता है, तब तक कॉन्वेसेंट प्लाज्मा थेरेपी को कोविड -19 के प्रभावी उपचार के रूप में देखा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि आईएलबीएस और एलएनजेपी अस्पताल में स्थापित प्लाज्मा बैंक में सभी ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा उपलब्ध है। यहां तक कि ‘एबी’ ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा मिलने में दिक्कत होती है, लेकिन प्लाज्मा बैंक के स्टाॅक में ‘एबी’ ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और डाॅक्टर की सलाह पर अब तक ‘एबी’ ग्रुप के 90 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है। इसके अलावा, दोनों प्लाज्मा बैंक के स्टाॅक से ‘ए’ ब्लड ग्रुप के 171, ‘ओ’ ग्रुप के 180 और ‘बी’ ब्लड ग्रुप के 269 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है और उनकी जान बचाई जा सकी है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों को स्वस्थ्य करने में उत्साह जनक परिणाम दिखाया है। प्लाज्मा बैंक से अब तक 60 साल से कम उम्र के 388 मरीजों को उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा चुका है और 60 साल से उपर के उम्र के 322 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है, जो कोरोना से गंभीर रूप से बीमार होने के कारण खतरे में थे। इसमें सबसे कम उम्र के 18 वर्षीय युवक को उच्च गुणवत्ता का प्लाज्मा दिया गया है, जबकि सबसे अधिक उम्र के 94 वर्षीय एक बुजुर्ग को प्लाज्मा दिया गया है। इसी तरह, अब तक दोनों प्लाज्मा बैंकों के स्टाॅक से कोरोना से पीड़ित 522 पुरुष और 188 महिलाएं लाभांवित हुए हैं।

दिल्ली में प्लाज्मा की उत्साह जनक सफलता के बाद देश के विभिन्न राज्यों में भी प्लाज्मा बैंक स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही अब दुनिया भर के देशों में भी कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा बैंक स्थापित किए जा रहे हैं।

कोविड-19 से ठीक हो चुके विभिन्न वर्गों के लोगों ने आगे बढ़ कर गंभीर मरीजों को स्वस्थ्य करने में मददगार साबित हो रहे प्लाज्मा को दान किया है। इसमें विभिन्न व्यवसायों, जैसे- पुलिस अधिकारियों, डॉक्टरों, नर्सों, सेना के अधिकारियों और होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके मरीजों ने आईएलबीएस अस्पताल आकर अपना प्लाज्मा दान किया है। कोविड-19 से ठीक हो चुके अब तक 921 लोगों ने आईएलबीएस प्लाज्मा बैंक में आकर प्लाज्मा दान किया है, जिसमें 86 स्वास्थ्यकर्मी, 209 उद्यमी, 8 मीडियाकर्मी, 28 पुलिस अधिकारी, 50 छात्र, 32 सरकारी अधिकारी और नौकरी पेशा, सेल्फ इम्प्लाइड प्रोफेशनल्स, गैर निवासियों समेत 508 अन्य लोग शामिल हैं। वहीं, कोविड-19 से ठीक हो चुके करीब 14 लोगों ने एक से अधिक बार प्लाज्मा दान किया है।

Delhi Government’s Plasma Bank has administered plasma to 710 COVID patients, 921 COVID recovered patients have donated plasma

CM Arvind Kejriwal’s initiative to launch a plasma bank proves to be a boon for COVID patients

Plasma therapy helping streamline the recovery of critically ill COVID-19 patients in Delhi

Till date, around 710 units of convalescent plasma have been provided to enable the recovery of patients across hospitals in Delhi

Around 171 units of A blood group plasma, 180 units of O blood group plasma, and 269 units of B blood group plasma have also been issued for the recovery of COVID patients in Delhi

A total of 921 COVID-19 recovered patients have donated plasma at the ILBS plasma bank till date

New Delhi: CM Arvind Kejriwal’s initiative to launch a plasma bank in Delhi is proving as a boon for COVID patients. Along with various steps taken by the Delhi government to combat Corona, Plasma therapy has streamlined the recovery of critically ill COVID-19 patients across Delhi/NCR. The first plasma bank in the country was started in ILBS by the Delhi government on July 2, with an objective to provide free of cost convalescent plasma to patients. Subsequently, another plasma bank was launched at the LNJP Hospital in Delhi. This system has been a crucial element in the Delhi Model of COVID response and is being adopted by other states too.

CM Arvind Kejriwal said that the plasma banks established by the Delhi government in ILBS and LNJP hospitals are providing free of cost convalescent plasma to all hospitals, including the central government, state government, private, and MCD hospitals in Delhi. Until now, around 710 units of convalescent plasma have been provided, enabling recovery of patients across hospitals in Delhi.

CM Arvind Kejriwal said that experts across the world have claimed that plasma therapy can aid in the recovery of critically ill COVID patients. The Delhi government had thereafter asked for permission to administer plasma therapy in hospitals from the central government. The plasma therapy trials were conducted after the permissions received from the central government. The common people were facing issues in obtaining plasma, and plasma banks were established for hassle-free access to plasma. The establishment of the plasma bank by the Arvind Kejriwal-led Delhi government was done to put forward an efficient system for the recovery of patients and reduce the number of COVID-19 deaths to zero. During the launch of the plasma bank, CM Arvind Kejriwal had requested COVID-19 recovered patients to donate plasma in huge numbers and be effective contributors in Delhi’s fight against Corona, which is the essence of the Delhi model of COVID response. He had added that plasma has an important role in the declining death rate of Covid-19 patients and until a vaccine comes, the convalescent plasma therapy should be looked at as an effective treatment for Covid-19.

CM Arvind Kejriwal said that the convalescent plasma has been provided to patients of all blood groups, including the rare blood group type AB for which 90 units of AB plasma have been issued. Apart from this, 171 units of A blood group plasma, 180 units of O blood group plasma, and 269 units of B blood group plasma have also been issued for the recovery of COVID patients in the city.

CM Arvind Kejriwal said that the plasma therapy has shown encouraging results in the recovery of critically ill patients. To date, 388 units of convalescent plasma have been issued to patients below 60 years of age, and 322 units have been issued to patients above 60 years of age, who are gradually at a high risk of getting critically ill due to Corona. The youngest patient to receive plasma is 18, and the oldest patient is 94 years. Around 522 males and 188 female patients have been administered plasma therapy.

After the successful model of administering plasma therapies on COVID patients in Delhi, plasma banks are also established in many states across the country. Nations across the world are also establishing plasma banks to aid the recovery of COVID patients.

Various categories of donors have come forward to donate plasma to aid the recovery of COVID-19 patients. Recovered patients belonging to different professions such as police officials, doctors, nurses, army officials, and patients recovered in home isolation have donated plasma at the ILBS hospital. A total of 921 COVID-19 recovered patients have donated plasma at the ILBS plasma bank, including 86 healthcare workers, 209 entrepreneurs, 8 media personnel, 28 police officials, 50 students, 32 government officials, and 508 recovered people including servicemen, self-employed professionals, non-residents of Delhi, etc. Around 14 recovered patients have donated plasma more than once.

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sudhir

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