नई दिल्ली, 20 अप्रैल 2024
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन नहीं मुहैया कराने पर भाजपा, एलजी, ईडी और तिहाड़ जेल प्रशासन को आड़े हाथ लिया। उन्हांेने कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल की धीरे-धीरे हत्या की जा रही है। सबको पता है कि हाई शुगर मरीज अगर दवा न ले तो उसके शरीर के कई अंग खराब हो सकते हैं। अगर सीएम केजरीवाल के साथ ऐसा हुआ तो क्या एलजी किडनी या लीवर लाकर देंगे? अरविंद केजरीवाल केवल यही मांग कर रहे हैं कि शुगर लेवल बढ़ने पर उन्हें इंसुलिन दी जाए और सप्ताह में दो बार डॉक्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात करने की इजाजत दी जाए। लेकिन एलजी, भाजपा, ईडी और जेल प्रशासन कह रहा है कि हम तो इंसुलिन नहीं देंगे। आखिर केजरीवाल को इंसुलिन देने से इन लोगों का क्या बिगड़ जाएगा? यह कितना दुखद बात है कि जिस केजरीवाल ने दिल्लीवालों को मुफ़्त इलाज दिलवाया, 500 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक बनवाया, आज उसी को इंसुलिन नहीं मिल रही है।
पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शुगर की बीमारी को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। सभी लोग जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल को पिछले 20 साल से अधिक समय से शुगर की बीमारी है। शुगर का मरीज शुरुआती तौर पर अपनी शुगर को कंट्रोल करने के लिए खाने की चीजों पर नियंत्रण करता है। यदि उससे बात नहीं बनती है तो दवाइयों से शुगर को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है और जब दवाइयां भी बेअसर होने लगती हैं, तो अंत में इंसुलिन के इंजेक्शन लगाकर शुगर कंट्रोल किया जाता है। यदि एक बार किसी मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन लगने शुरू हो जाए तो फिर उसकी शुगर दवाइयों से कंट्रोल नहीं होती। इंसुलिन के द्वारा ही उसकी शुगर नियंत्रित हो पाती है। हम सभी जानते हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शुगर भी इतनी अधिक गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी है कि उनको भी रोजाना शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं और ऐसी स्थिति में जेल के अंदर अरविंद केजरीवाल को उनकी बीमारी की दवा इंसुलिन नहीं दी जा रही है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते जो सामान्य तौर पर मैंने देखा है, हमारे दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों, अस्पतालों और डिस्पेंसरी में जो बुजुर्ग आते हैं, उनमें से अधिकतर लोग शुगर के मरीज होते हैं। आज हालात ऐसे हैं कि बच्चों में भी शुगर की बीमारी देखने को मिल रही है। जिस व्यक्ति ने दिल्ली में सैकड़ो मोहल्ला क्लीनिक बनवाए, अस्पतालों में, मोहल्ला क्लिनिको में सारी दवाइयां सारे इलाज मुफ्त किए, लाखों लोगों को शुगर की मुफ्त दवाइयां इन अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दी जा रही है, आज दिल्ली के इस लोकप्रिय मुख्यमंत्री को जेल में उनकी बीमारी के लिए बेहद जरूरी दवा इंसुलिन नहीं दी जा रही है। अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से शुगर मशीन अपने साथ जेल में रखने की इजाजत मिली है। ताकि वह रोजाना अपना शुगर लेवल खुद टेस्ट करते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार डॉक्टर और जेल प्रशासन को इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि मेरा शुगर लेवल बढ़ता जा रहा है। मुझे इंसुलिन की जरूरत है, परंतु जानबूझ कर जेल प्रशासन और डॉक्टर उन्हें इंसुलिन नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को दवाई देने के बजाय जेल प्रशासन, भाजपा और उपराज्यपाल की ओर से मीडिया में जानबूझकर गलत खबरें प्लांट कराई जा रही हैं। स्थिति यह हो गई है कि जेल प्रशासन और जेल के डाक्टरों की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से परेशान होकर अब मुख्यमंत्री अरविंद जी को इंसुलिन लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगानी पड़ी है।
सौरभ भारद्वाज ने प्रश्न किया कि जो परिस्थितियां जेल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बनी हुई है, जिस प्रकार से जेल प्रशासन और जेल के डॉक्टर उन्हें इंसुलिन मुहैया नहीं कर रहे है, इसको देखते हुए क्या जेल की व्यवस्थाओं पर विश्वास किया जा सकता हैं। मुझे लगता है कि जानबूझकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र जेल के भीतर रचा जा रहा है। जहां जेल में एक सामान्य व्यक्ति को भी उसकी बीमारियों के लिए दवाई दी जाती है, वहीं उस जेल में दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री को उनकी बीमारी की दवाई देने से इनकार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह अपील की है कि जेल प्रशासन के डॉक्टर के द्वारा दिए जा रहे इलाज से वह संतुष्ट नहीं है। वह चाहते हैं कि जो उनके फैमिली डॉक्टर हैं, जो कि लगभग पिछले कई वर्षों से उनका इलाज कर रहे हैं, जो उनकी बीमारियों की पूरी केस हिस्ट्री जानते हैं, वह उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करके अपने रोजाना की स्थिति को साझा करके उनसे सलाह लेकर और उनकी सलाह अनुसार दवाइयां लेना चाहते हैं। बड़े आश्चर्य की बात है कि भारतीय जनता पार्टी इस बात का विरोध कर रही है। यह समझ के बिल्कुल परे है कि यदि अरविंद केजरीवाल अपने डॉक्टर से कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करके अपनी मौजूदा हालात उनको बताकर उनसे सलाह लेकर दवाइयां लेते हैं तो इसमें भाजपा, उपराज्यपाल, ईडी और सीबीआई का क्या नुकसान है, जबकि जेल में किसी भी व्यक्ति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली बात की पूरी मॉनिटरिंग और रिकॉर्डिंग की जाती है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि साफ तौर पर जाहिर है कि अरविंद केजरीवाल की हत्या करने के लिए एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। जो लोग भी शुगर की बीमारी से पीड़ित है, वह लोग और उनके परिवारजन इस बात को भली-भांति जानते हैं कि यदि शुगर लेवल हमेशा बढ़ा हुआ रहे तो उस व्यक्ति के शरीर के अंग धीरे-धीरे निष्क्रिय होने लगते हैं, जिनका फिर पुनर्स्थापना के लिए इलाज भी नहीं किया जा सकता प् शुगर के मरीज के धीरे-धीरे किडनी, दिल, आंख और तमाम शरीर के अंगों पर उसका इफेक्ट बढ़ने लगता है, जो कि बाद में ठीक नहीं किया जा सकता, जो अंग एक बार खराब हो गया तो उसे दोबारा ठीक नहीं किया जा सकेगा। इन सब के बावजूद भी जानबूझकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनकी बढ़ी हुई शुगर की स्थिति में भी उनकी दवाई ना देना इस बात की और इशारा करता है, कि जानबूझकर यह षड्यंत्र उनके खिलाफ किया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने पिछले कुछ दिनों में जेल में मापी गई अरविंद केजरीवाल की शुगर के पैमानों की लिस्ट मीडिया के साथ साझा करते हुए बताया, कि 12 तारीख को खाने के बाद सुबह 11 बजे अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 320 था और रात को 9 बजे खाने के बाद उनका शुगर लेवल 260 था, 13 अप्रैल को सुबह 11 बजे उनका शुगर लेवल 270 और दोपहर का खाना खाने के बाद उनका शुगर लेवल 270 था, 14 अप्रैल को सुबह नाश्ता करने के बाद उनका शुगर लेवल 240, दोपहर 2 बजे खाना खाने के बाद उनका शुगर लेवल 260 और रात का खाना खाने के बाद 11 बजे उनका शुगर लेवल 300 था , 15 अप्रैल को सुबह 11 बजे उनका शुगर लेवल 270, दोपहर 2 बजे उनका शुगर लेवल 300 था। उन्होंने कहा कि जो शुगर लेवल सामान्य तौर पर 100 से 150 के बीच होना चाहिए, अरविंद केजरीवाल का वह शुगर लेवल लगातार 250 और 300 के लगभग आ रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारी दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को, बिजली, पानी की व्यवस्था को ठप करने में लगे हो, जिस प्रशासन के अधीन आने वाली ईडी, सीबीआई विपक्ष के सारे नेताओं को पड़कर झूठे केसों में जेल में बंद कर रही हो, कोई कैसे उस प्रशासन पर विश्वास कर सकता है। ऐसे प्रशासन पर कैसे भरोसा किया जाए कि वह अरविंद केजरीवाल का सही ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुले तौर पर अरविंद केजरीवाल को मारने की साजिश की जा रही है। जानबूझकर उनको इंसुलिन नहीं दी जा रही है, ताकि धीरे-धीरे उनके शरीर के सभी अंग निष्क्रिय हो जाए और उनकी मृत्यु हो जाए