सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर केंद्र सरकार ने माना, पराली दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह – :सौरभ भारद्वाज
केंद्र सरकार ने यह भी माना, दीवाली में पटाखा और पराली जलने के बाद बिगड़ी दिल्ली की हवा
नई दिल्ली, 7 नवम्बर 2019
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्रदूषण को लेकर अभी तक भाजपा और आम आदमी पार्टी अपने अपने वक्तव्य जनता के सामने रखते रहे हैं। परंतु आज हम आप सबके सामने वो तथ्य रखने जा रहे हैं जो प्रमाणिक तथ्य हैं जो कि खुद केंद्र सरकार ने इस देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज जो की केंद्र सरकार का सबसे बड़ा विभाग है जो प्रदूषण के मुद्दे पर काम कर रहा है, उन्होंने खुद सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर इस बात को माना है कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर घटा है, ऐसे दिन जिनमे हवा साफ रहती उनकी गिनती बढ़ी है, और जिन दिनों में प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है ऐसे दिनों की तादात घटी है। जहां एक तरफ दिल्ली सरकार लगातार इस बात को दोहरा रही थी कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर घटा है, वहीं उसके विपरीत भाजपा के नेता इस बात को झुठला रहे थे और जनता के बीच एक झूठ फैला रहे थे कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। जबकि अब केंद्र सरकार के संस्थान ने खुद सुप्रीम कोर्ट में इस बात को लिखित में दिया है।
सौरभ भारद्वाज ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में इस बात को भी स्वीकार किया है कि दिवाली के पहले तक दिल्ली की आबोहवा ठीक-ठाक थी। परंतु दिवाली के पश्चात कुछ तो पटाखे जलाने की वजह से और कुछ पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की वजह से हालात बिगड़े। दिए गए हलफनामे में केंद्र सरकार ने इस बात को भी स्वीकारा है कि 1 नवंबर 2019 को खुद केंद्र सरकार ने पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह कहा कि आपके राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिसके कारण प्रदूषण की समस्या विकराल होती जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा ही दायर किए गए एक अन्य हलफनामे का हवाला देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस हलफनामे में केंद्र सरकार ने जो बातें कहीं हैं, उसका बिल्कुल विपरीत हमारे भाजपा के मित्र टीवी चैनलों के माध्यम से जनता के बीच प्रस्तुत करते हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी हमेशा प्रश्न उठाती थी कि जब सितंबर के अंत तक दिल्ली की आबोहवा बिल्कुल ठीक थी तो अक्टूबर में ऐसा क्या हुआ के प्रदूषण की समस्या इतनी ज्यादा बढ़ गई। क्या दिल्ली में अचानक से लाखों गाड़ियां और आ गई, या दिल्ली में और लाखों नए कल कारखानों की स्थापना कर दी गई। परंतु भाजपा के लोग इन बातों को हमेशा नकारते रहे। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा दायर किए गए इस हलफनामे में खुद केंद्र सरकार ने माना है की सितंबर तक दिल्ली की आबोहवा बिल्कुल ठीक थी, परंतु अक्टूबर के महीने में पराली जलाने की घटनाओं के साथ साथ दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती चली गई। केंद्र सरकार ने माना है की पराली दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण है।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस हलफनामे के साथ केंद्र सरकार ने एक एनेक्सचर अलग से लगाया है जो कि भाजपा और केंद्र सरकार को पूरी तरह से बेनकाब कर देता है। सौरभ भारद्वाज ने बताया की एनेक्सचर में दी गई जानकारी के अनुसार पंजाब में 7600 लोगों का टारगेट मशीनें बांटने के लिए सरकार ने तय किया था। कुल 7829 लोगों के आवेदन मशीन के लिए आए, परंतु सरकार ने मात्र 2657 लोगों को ही मशीनें उपलब्ध कराई। सरकार ने एक तिहाई लोगों को भी मशीनें मुहैया नहीं कराई। इसी प्रकार हरियाणा में तो और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हरियाणा में सरकार ने 15000 लोगों को मशीनें वितरित करने का टारगेट तय किया। सरकार के पास कुल 51274 लोगों के आवेदन मशीन के लिए आए, परंतु सरकार ने मात्र 5193 लोगों को मशीनें मुहैया कराई। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में 4000 मशीनें बांटने का टारगेट तय हुआ था परंतु केवल 1351 लोगों को ही मशीनें दी गई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार तय किए गए टारगेट में से भी एक तिहाई किसानों को भी मशीनें उपलब्ध नहीं करा पाए और अपनी नाकामियों का ठीकरा निर्दोष किसानों के सर पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दायर इस हलफनामे से भाजपा के मंत्रियों और नेताओं द्वारा बोले जा रहे झूठ का पर्दाफाश हो गया है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी भाजपा सांसद विजय गोयल के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें: संजय सिंह
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे से भाजपा का झूठ बेनकाब हो गया है। भाजपा के नेताओं को दिल्ली की जनता से अपने झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मजबूरी वश, केंद्र सरकार को यह जानकारी न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत करनी पड़ी, जिससे कि भाजपा का झूठ जनता के सामने बेनकाब हो गया है। भाजपा ने अपने हलफनामे में खुद स्वीकार किया है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली है। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में इस बात को भी स्वीकार किया है कि जितनी मशीनें किसानों को दी जानी थी, वह किसानों को मुहैया नहीं कराई गई और अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार निर्दोष किसानों के सर मर रही है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा अखबार के एक कोने में छपे आवेदन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस आवेदन के साइज से भाजपा सरकार की गंभीरता का पता चलता है। अखबार के छोटे से कोने में छपे हुए इस आवेदन को पढ़ने के लिए किसानों को हाई पावर का चश्मा लगाना पड़ जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि एक तरफ तो दिल्ली सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेता केवल और केवल केजरीवाल का विरोध करने के लिए कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। संजय सिंह ने मीडिया के माध्यम से देश के गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी से निवेदन किया कि वह भाजपा सांसद विजय गोयल के द्वारा दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑड इवन का उल्लंघन करने के लिए उन पर सख्त कार्यवाही करें।
भाजपा के नेताओं ने पटाखे जलाकर दिल्ली की जनता को उकसाया: अजॉय कुमार
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अजॉय कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए जो काम करने थे, वह तो किए नहीं उल्टा दिल्ली की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का भाजपा के सभी नेता विरोध कर रहे हैं, खुलेआम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं, यह बेहद ही निंदनीय है। अजॉय कुमार ने कहा कि सभी ने देखा किस प्रकार से भाजपा के नेता दिल्ली सरकार की अपील के बावजूद दीपावली के दिन पटाखे जलाकर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी तस्वीरें और वीडियो वायरल कर जनता को पटाखे जलाने के लिए उकसा रहे थे। केवल दिल्ली सरकार का विरोध करने के लिए इस तरह का अमानवीय कार्य करना इस बात को दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के बच्चों और दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य को लेकर कितनी गंभीर है।
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