दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर्स की तैनाती में उपराज्यपाल के लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की आखिरकार सच्चाई सामने आ गई है। यह सच्चाई एलजी द्वारा बैठाई गई जांच समिति ही सामने लेकर आई है। समिति को जांच में गेस्ट टीचर की तैनाती में कोई भ्रष्टाचार नहीं मिला है। पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर ‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मांग की है कि एलजी कार्यालय को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिल्लीवालों को बताना चाहिए कि गेस्ट टीचर को लेकर उनके लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप झूठे पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एलजी ने सरकारी स्कूलों के गेस्ट टीचर को घोस्ट टीचर बताते हुए बिना पढ़ाए सैलरी लेने का आरोप लगाया था। समिति को 16 हजार गेस्ट टीचर्स की उपस्थिति, कागजात व अकाउंट की जांच में कोई भ्रष्टाचार नहीं मिला। मेरी सलाह है कि एलजी लोगों के हित में सकारात्मक कदम उठाएं और झूठी व सनसनीखेज खबरें देने से बचें। क्योंकि जांच के डर से अफसर जनहित में फैसले नहीं ले पा रहे हैं। एलजी का हर काम में जांच बैठाने का एकमात्र उद्देश्य दिल्ली सरकार के अच्छे कामों को रोकना है।
पार्टी मुख्यालय में ‘‘आप’’ के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले साल, सितंबर 2022 में एलजी विजय सक्सेना ने सभी अखबारों और टेलीविजन चैनलों पर एक खबर चलवाई और कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो गेस्ट टीचर्स हैं, उसमें बड़ा घोटाला हो रहा है। यह गेस्ट टीचर्स ‘घोस्ट टीचर्स’ हैं। यानी उन्हें वेतन तो मिल रहा है, लेकिन यह गेस्ट टीचर्स दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ाने नहीं जाते हैं। एलजी ने कहा कि फंडस का दुरुपयोग हो रहा है। एलजी ने इसे गेस्ट टीचर्स का घोटाला बताकर मीडिया में खबर चलवाई। इतना ही नहीं, एलजी ने खुद एक समिति बनाकर उसकी जांच बैठा दी। करीब पांच महीने से समिति 16 हजार गेस्ट टीचर्स की जांच कर यह पता लगा रही है कि गेस्ट टीचर्स असली हैं या घोस्ट हैं।
उन्होंने कहा कि इन सभी गेस्ट टीचर्स की अटेंडेंस चेक कराई गई, इनके कागजात और अकाउंट चेक कराए गए। अंत में यह पाया गया कि सभी टीचर्स जीवित हैं और इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है। इन गेस्ट टीचर्स की बॉयोमेट्रिक ऑनलाइन अटेंडेंस होती है, उन्हें वेरीफाई किया जाता है। स्कूलों के प्रिंसिपल वेरीफाई करते हैं कि ये टीचर्स असली हैं या नहीं। बच्चे खुद सत्यापित करते हैं कि उनके गेस्ट टीचर्स क्लास में हैं या नहीं हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि बच्चों का एक हिंदी का टीचर हैं और वो भूत है। अगर हिंदी की कक्षा में कोई टीचर बच्चों को पढ़ाने नहीं आता है, तो यानी भूत क्लास में आता है और चला जाता है। ऐसी बातें खुद एलजी साहब कर रहे हैं।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी ने करीब 16 हजार गेस्ट टीचर्स और दिल्ली सरकार के ऊपर एक बहुत बड़ा इल्जाम लगाया गया है। एलजी की कोशिश यही है कि गेस्ट टीचर्स के ऊपर सवालिया निशान लगाकर इस परंपरा को खत्म कर दिया जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है। एलजी को दिल्ली के लोगों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने चाहिए। मगर एलजी के यहां से मीडिया में सनसनीखेज खबरें देने के लिए दिल्ली सरकार के ऊपर झूठे आरोप लगाए जाते हैं। दिल्ली सरकार के अफसरों पर एलजी की ओर से लगातार आरोप लगते आ रहे हैं। इसका प्रभाव यह है कि इस समय हर विभाग में जांच बैठी हुई है। बिजली, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ और पीडब्ल्यूडी सभी जगह जांच बैठा रखी है। एलजी के हिसाब से दिल्ली में हर जगह बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार चल रहा है। क्या इस तरह से कोई सरकार चल सकती है?
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी का सिर्फ एक ही काम है कि किसी तरह दिल्ली सरकार के सभी कामों को रोका जाए। क्योंकि अगर अफसरों के ऊपर इतनी जांच बैठा दी जाएगी, तो अधिकारी कोई प्रशासनिक निर्णय लेना भी चाहेगा तो नहीं लेगा। वह सोचेगा कि अगर मैं लोगों के हित में कोई भी निर्णय लूंगा तो एलजी उसके ऊपर जांच बैठा देंगे। जांच एजेंसियां अधिकारियों को प्रताड़ित करेंगी। क्योंकि जब एलजी ऑफिस से यह घोषित कर किया जाता है कि भ्रष्टाचार हो रहा था, तो उस विभाग से जितने भी लोग जुड़े होते हैं, उनके ऊपर भी आरोप लग जाता है कि ये सभी भ्रष्ट हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और एलजी को इसमें थोड़ी नैतिकता दिखानी चाहिए। यह मेरी उनके लिए सलाह है।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी कार्यालय को उसी तरह से प्रेस विज्ञप्ति जारी करनी चाहिए क्योंकि एलजी की पोस्ट कोई राजनीतिक पोस्ट नहीं है। उनकी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है और न ही उन्हें कोई चुनाव लड़ना है। वे दिल्ली के संवैधानिक प्रमुख हैं। अगर उनके दफ्तर से गलती हुई और गलत तरीके से गेस्ट टीचर्स के ऊपर इल्जाम लगाए गए और वो इल्जाम झूठे पाए गए हैं तो एलजी ऑफिस से प्रेस विज्ञप्ति जारी होनी चाहिए। उसी तरीके से खबर जानी चाहिए कि जो आरोप लगाए गए थे वो झूठे पाए गए। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो गेस्ट टीचर्स हैं वो घोस्ट नहीं है, वो असली शिक्षक हैं। शिक्षकों की अच्छी तरीके से जांच होने के बाद यह पाया गया कि वो अच्छी तरह से स्कूलों में पढ़ाई करा रहे हैं। इस विषय में आम आदमी पार्टी को प्रेसवार्ता करने की जरूरत नहीं है। मेरी एलजी से यही अपील है कि दिल्ली के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते एलजी को इस संबंध में भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करनी चाहिए।