आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की समितियों के कामकाज में एलजी वीके सक्सेना के हस्तक्षेप को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी दिल्लीवासियों के काम रोकने वाले अधिकारियों के बचाव में आ गए हैं। गरीबों की पेंशन, इलाज और राशन रोकने के दोषी अधिकारियों पर दिल्ली विधानसभा ने कार्रवाई को कहा तो एलजी दखलंदाजी कर रहे हैं। इससे आज साफ हो गया कि दिल्ली की जनता के काम रोकने वाले एलजी थे। अफसरों पर कार्रवाई की जगह एलजी विधानसभा की समितियों पर ही सवाल उठा रहे हैं। एलजी ने मुख्य सचिव को चिट्ठी भेजकर पूछा है कि समितियां अफसरों के काम में दखलअंदाजी तो नहीं कर रहीं हैं। आप प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एलजी को दिल्ली विधानसभा की समितियों का कामकाज, अफसरों के काम में दखलंदाजी लगता है।
आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आज प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा की समितियां विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति आदि सरकार और सरकारी विभाग की जवाबदेही तय करती हैं। यह व्यवस्था देश की संसद और अलग-अलग राज्यों की विधानसभा में भी लागू होती है। इसी तरह की व्यवस्था विदेशों में भी अपनाई जाती है। विशेषकर अमेरिका जैसे देशों को देखा जाए तो वहां सरकारी अफसरों से समितियां जनता से जुड़े सवाल पूछती हैं। वह सरकार से भी समाज और जनता से जुड़े सवाल करती हैं। इस तरह से सरकार के कार्य में एक पारदर्शिता आती है। पिछले विधानसभा सत्र में दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति की कुछ रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखीं थीं। दिल्ली विधानसभा में उन तीनों रिपोर्ट्स को मंजूरी देकर सरकार को कुछ आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि याचिका समिति की पहली रिपोर्ट दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के अंदर ओपीडी में कार्यरत कर्मचारियों को अचानक निकालने के विषय पर थी। कई महीनों तक दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी काउंटर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों को हटा दिया गया था। इस वजह से अस्पतालों के अंदर हाहाकार मचा रहा और जनता का काफी नुकसान हुआ। इस समस्या का असल कारण दो बड़े आईएएस अधिकारी थे। जिन्होंने जानबूझकर फाइलों को अटकाकर इन कर्मचारियों की नियुक्तियां रोकी। जब समिति के समक्ष यह मामला आया तो इसे सुलझाया गया और सरकारी अस्पतालों के ओपीडी काउंटर पर कर्मचारी वापस लौटे। इस मामले में याचिका समिति ने फाइनेंस सेक्रेटरी एसी वर्मा और हेल्थ सेक्रेटरी अमित सिंगला के ऊपर कार्रवाई की सिफारिश की। याचिका समिति ने दूसरा मामला मोहल्ला क्लीनिक का उठाया था। मोहल्ला क्लीनिक के अकाउंट में करोड़ों रुपए होने के बावजूद मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों की सैलरी रोकी गई। मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले टेस्ट का पैसा रोक दिया गया। नतीजा मोहल्ला क्लीनिक के अंदर टेस्ट और बाकी व्यवस्थाएं बंद हो गईं। जब समिति ने इस मामले की जांच की तो पता लगा कि इस मामले को भी हेल्थ सेक्रेटरी अमित सिंगला की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। दिल्ली सरकार के पास पैसा होने के बावजूद वह लाखों लोगों को दुखी कर उन्हें परेशान कर रहे हैं। याचिका समिति ने तीसरा मामला बुजुर्गों की पेंशन से संबंधित उठाया था। दिल्ली सरकार के पास पैसा होने के बावजूद कई बुजुर्गों को नवंबर 2021 से पेंशन नहीं मिली है। अफसरों ने दिल्ली के बुजुर्गों और गरीबों की पेंशन रोक ली। जब याचिका समिति के पास मामला पहुंचा तब इनकी पेंशन रिलीज की गई। इस मामले में याचिका समिति ने एलजी से सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की निदेशक पूजा जोशी के ऊपर कार्रवाई करने की सिफारिश की।
प्रेसवार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कुछ पीड़ितों के वीडियो भी साझा किए। वीडियो में पीड़ित परिवारों ने अपने प्रतिनिधियों को आपबीती बताई है। पीड़ितो की वीडियो बाइट उन मामलों से संबंधित थी, जिनपर याचिका समिति में सुनवाई चल रही है। लोगों का पहला मुद्दा राशन से जुड़ा हुआ है। जब से देश में ‘वन नेशन वन राशन’ योजना लागू हुई है। तब से कई दुकानदारों ने राशन देना कम कर दिया है या बंद कर दिया है। मेरे दफ्तर में अक्सर ऐसे कई लोग शिकायत लेकर आते हैं कि हमारा दुकानवाला हमें राशन नहीं दे रहा है। इस मामले में याचिका समिति फूड एंड सप्लाई अफसर को बुलाकर बात कर रही है। ऐसे ही राशन की समस्या से जुड़ी शिकायत लेकर अनीता नाम की एक पीड़िता अपने भाई-बहन के साथ हमारे दफ्तर पहुंची। उसने बताया की जनवरी महीने में वह कई बार राशन की दुकान पर गई तब दुकानदार ने उसे यह कहकर वापस लौटा दिया कि अभी राशन नहीं आया है। 17 जनवरी को उनके पिताजी का देहांत हो गया। इसके बाद वह तेहरवीं तक राशन की दुकान पर नहीं जा सकी। 1 फरवरी को जब वह राशन की दुकान पर पहुंची तो दुकानवाले ने राशन खत्म होने की बात कहकर उसे लौटा दिया। इस मामले की सुनवाई समिति में हो रही है कि आखिर लाभार्थियों को समय पर राशन क्यों नहीं मिल पा रहा है ? जो लोग समय पर राशन लेने पहुंचते हैं उन्हें दुकानदार किस बिनाह पर राशन देने से इंकार कर सकता है।
इसी तरह पेंशन से जुड़ी समस्या पर बुजुर्गों की आपबीती साझा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह तो सिर्फ उन बुजुर्गों की कहानी है जो हमारे दफ्तरों में शिकायत करने पहुंचे। इनके अलावा भी कई बुजुर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बुजुर्गों को नवंबर 2021 से पेंशन नहीं मिली है। यानी करीब सवा साल से उनकी पेंशन रुकी हुई है। एक बुजुर्ग व्यक्ति जिसके पास कोई पैसा नहीं है। वह पूरी तरीके से पेंशन पर आश्रित है। वह 5-6 बार लाजपत नगर के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के चक्कर लगा रहा है। विधायक कार्यालय जा रहा है।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी याचिका समिति की सिफारिशों के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई करना तो दूर वह विधानसभा की समितियों के ऊपर कार्रवाई करने की कोशिश में लगे हुए हैं। एलजी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है कि हमें बताया जाए कि दिल्ली विधानसभा की समितियां किस तरीके से काम कर रही हैं? कहीं वह कानून के खिलाफ जाकर अफसरों के काम में दखलंदाजी तो नहीं कर रही हैं? एलजी ने यह पत्र दिल्ली विधानसभा में भी भेजा है। उन्हें विधानसभा की समितियों का काम अफसरों के काम में दखलंदाजी लगता है। इससे ज्यादा शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती। एलजी परेशान हैं कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम कैसे हो रहे हैं? एलजी सोच रहे हैं कि अफसरों को कैसे बचाया जा सके ? इससे यह बात साफ होती है कि एलजी के इशारे पर ही अफसर दिल्ली के गरीब लोगों को परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग पीड़ितों को परेशान करने का षड्यंत्र रचने वाले अधिकारियों के खिलाफ समिति कार्रवाई की मांग कर रही है। ऐसे में कोई भी एलजी जिसके मन में थोड़ी भी नैतिकता हो, उसे अफसरों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। मगर एलजी कार्रवाई करना तो दूर, वह समितियों के काम पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। एलजी को लगता है कि यह जो समितियां जनता के लिए काम कर रही हैं, बुजुर्गों की पेंशन दिलवा रही हैं, सरकारी अस्पताल में ओपीडी काउंटर पर बैठे कमर्चारियों को ड्यूटी पर वापस ला रही हैं, मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरों को सैलरी दिलवाने का काम कर रही हैं,यह सभी काम असल में अफसरों के काम में दखलअंदाजी है।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक की बात है कि किस तरह से इन अफसरों ने गरीब बुजुर्गों की पेंशन रोकी है। उनका अस्पताल में इलाज रोका है। मोहल्ले क्लीनिक के डॉक्टरों की सैलरी रोक दी। वहां गरीबों के टेस्ट रोक दिए। असल में इस सब के पीछे एलजी थे। एलजी साहब इतने परेशान हैं कि यह समितियां लोगों के कष्टों को कैसे दूर कर पा रही हैं।