उच्च शिक्षा में सीटें 1.1 लाख से बढ़कर 1.5 लाख हुईं : अरविंद केजरीवाल
– धीरपुर और रोहिणी में अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दो नये कैंपस का शिलान्यास
अंबेडकर यूनिवर्सिटी के इस विस्तार से हर साल 8,000 स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा मिल सकेगी: अरविंद केजरीवाल
आज दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों को प्रतिस्पर्धा देने में सक्षम हैं : अरविंद केजरीवाल
आर्थिक मंदी चिंता का विषय है। अर्थव्यवस्था को उबारने की दिशा में केंद्र सरकार के जो भी कदम होंगे दिल्ली सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी : अरविंद केजरीवाल
दिल्ली में उच्च शिक्षा में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों में बहुत काम हुआ है : मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली। “यह दिल्ली की जनता के लिए बेहद ही खुशी की बात है कि अंबेडकर यूनिवर्सिटी का विस्तार होने जा रहा है। दो नए परिसरों का निर्माण कार्य आज से शुरू होने जा रहा है जो कि अगले 3 से 4 साल में बनकर तैयार हो जाएंगे। इन परिसरों के बनने के बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी की क्षमता जो कि अभी 3400 स्टूडेंट्स की है वह बढ़कर8000 हो जाएगी। प्रतिवर्ष लगभग4500 और बच्चों को एक अच्छे विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा मिल सकेगी। दिल्ली में जब हमारी सरकार बनी थी उस समय दिल्ली के कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए 1.1 लाख सीटें थीं जिसे बढ़ाकर हमने 1.5 लाख तक किया है। लेकिन अभी हमें और अधिक मेहनत करना है। “ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दो परिसरों के शिलान्यास के मौके पर ये बात कही।
मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दो बहुत बड़े परिसरों धीरपुर और रोहिणी का शिलान्यास किया गया है। तीन से चार साल के अंदर ये दोनों कैंपस बनकर तैयार हो जाएंगे। इनमें और 4500बच्चे यहां पर पढ़ पाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली में बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है। शिक्षा की क्वालिटी बहुत अच्छी हो रही है। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति हो रही है।
शिलान्यास के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा सरकार का सबसे अधिक ध्यान शिक्षा पर है। किसी भी देश का विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक कि उस देश के बच्चों को बेहतर शिक्षा ना मिल जाए। किसी भी देश को विकसित देश बनाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि सभी बच्चों को, चाहे वह गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा हो, उनको अच्छी शिक्षा मिले।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, पिछले 5 साल में दिल्ली के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। दुनिया के कोने-कोने से लोग दिल्ली का शिक्षा मॉडल देखने आ रहे हैं। आज दिल्ली सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है, कि अगर कोई बच्चा गरीब है और शिक्षा अर्जित करने में सक्षम नहीं है, तो दिल्ली सरकार पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक उसकी पूरी शिक्षा का खर्च उठाएगी।
उन्होंने ये भी कहा कि आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति में इस कदर बदलाव हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने अपने बच्चे को डीपीएस से निकालकर घर के नजदीकी दिल्ली सरकार के स्कूल में उसका दाखिला करवा दिया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों की गुणवत्ता में हुए बदलाव का इससे बड़ा हमारे लिए कोई सर्टिफिकेट नहीं हो सकता।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, न केवल माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर बल्कि उच्च शिक्षा के स्तर पर भी दिल्ली की मौजूदा सरकार ने इस प्रकार के इंतजाम किए हैं कि किसी भी बच्चे को पैसों की वजह से अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दिल्ली सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए सभी बच्चों को 10 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के, बिना किसी सिक्योरिटी के मुहैया कराने का प्रावधान बनाया है। इसके तहत बच्चा अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के 1 साल बाद से, उस लोन की किश्तें देना शुरू करेगा और 15 साल के लंबे समय का प्रावधान इस लोन को चुकाने के लिए तय किया गया है, ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी का सामना ना करना पड़े। पहली कक्षा से लेकर और उच्च शिक्षा तक दिल्ली सरकार ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि किसी भी बच्चे को पढ़ाई के लिए पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में अब दिल्ली सरकार के सामने जो एक चुनौती है,वह यह है कि मौजूदा शिक्षण संस्थानों की क्षमता को किस प्रकार से बढ़ाया जा सके ताकि अधिक से अधिक बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके। मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली में प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख बच्चे 12वीं कक्षा पास करते हैं, उन बच्चों की उच्च शिक्षा और रोजगार के इंतजाम करना अब हमारा लक्ष्य है। हमारा लक्ष्य है कि हम अपनी उच्च शिक्षा व्यवस्था को इस प्रकार से व्यवस्थित करें की हमारे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात नौकरी के लिए दर-दर भटकना ना पड़े। दिल्ली में जब हमारी सरकार बनी थी उस समय दिल्ली के कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए 1.1 लाख सीटें थीं जिसे बढ़ाकर हमने 1.5 लाख तक किया है। लेकिन अभी हमें और अधिक मेहनत करना है। हर साल दिल्ली से 2.5 लाख बच्चे 12वीं पास करते हैं। सभी बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सीटें उपलब्ध करवाना हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि आज अखबारों के माध्यम से, न्यूज़ चैनलों के माध्यम से देखने में आ रहा है कि देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से नीचे गिरती जा रही है। देश के ऐसे 3 बड़े उद्योग जिनसे बाकी सभी उद्योग कहीं न कहीं प्रभावित होते हैं,उनमें आर्थिक मंदी का असर देखा जा रहा है। आज ऑटो सेक्टर में, टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में और रियल एस्टेट सेक्टर में भारी मंदी देखने को मिल रही है। तेजी से लोगों की नौकरियां जा रही है। हमें ऐसी व्यवस्था करनी है कि लोगों को अपनी नौकरियां ना गवानी पड़े और जो बेरोजगार हैं उनको भी रोजगार मिले। मुझे बेहद खुशी है कि केंद्र सरकार भी इस आर्थिक मंदी को लेकर बेहद चिंतित है। सभी राज्यों की सरकारों को और केंद्र सरकार को मिलकर ऐसे काम करने चाहिए जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर लौट सके। मैं केंद्र सरकार को आश्वासन देता हूं कि देश की अर्थव्यवस्था को उभारने की दिशा में केंद्र सरकार के जो भी कदम होंगे दिल्ली सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। इस मौके पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 16 नये कॉलेज खोले गये हैं। 16 नये कॉलेज खोलना बहुत बड़ी बात होती है। इसके अलावा 9 बी वॉक कॉलेज खोले गये। अंबेडकर यूनिवर्सिटी के दो नये कैंपस खोले गये। डायट के दो कॉलेज खोले गये। डीटीयू का एक नया कॉलेज खोला गया। एक बी फॉर्मा यूनिवर्सिटी खोली गई। एनएसयूटी बनाई गई है। इस तरह से दो नई नई यूनिवर्सटी खोली गई हैं। शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि दिल्ली की उच्च शिक्षा में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों में बहुत काम हुआ है। एक तरफ क्वांटिटी बढ़ी है तो दूसरी तरफ क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा गया है। क्वालिटी का मतलब केवल अच्छी डिग्री,अच्छे कोर्सेस ही नहीं है, हमने रिसर्च पर भी बहुत जोर दिया है। हमारी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में पिछले पांच साल के दौरान रिसर्च पर बहुत ध्यान दिया गया है।
Leave a Comment