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नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2024

तथाकथित शराब घोटाले की पोल खुलने लगी है। जिस सरकारी गवाह सरथ रेड्डी के बयान पर ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया, अब उसी पर ईडी को भरोसा नहीं है। रविवार को यह खुलासा करते हुए ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि ईडी ने सरथ रेड्डी को सरकारी गवाह बनाकर झूठे बयान लिए और फिर उसे माफीनामा दिलवा दिया। ईडी अब उसी सरथ रेड्डी के विदेश जाने का विरोध कर रही है। ईडी कह रही है कि सरथ रेड्डी उसके समन पर भी नहीं आ रहा है। अगर उसे विदेश जाने की अनुमति मिल गई तो वो देश से भाग जाएगा। संजय सिंह ने कहा कि ईडी को लगता है कि सरथ रेड्डी विदेश चला गया तो वो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ और झूठे बयान नहीं ले पाएगी। इसलिए विरोध कर रही है। इससे साफ पता चलता है कि सरथ रेड्डी से झूठा बयान लिया गया। उसके पास कोई प्रमाण नहीं है। इसलिए वो समन पर नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए कि कैसे अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फर्जी और बेबुनियाद केस बनाया गया है।

रविवार को पार्टी मुख्यायल में प्रेसवार्ता कर सांसद संजय सिंह ने कहा कि मैं पहले भी कई प्रेसवार्ता के जरिए बता चुका हूं कि कैसे फर्जी तरीके से दबाव बनाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ गवाह तैयार किए गए। 456 गवाहों में से मात्र 4 ने अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया। यह भी बताया कि उन गवाहों ने किन परिस्थितियो में केजरीवाल का नाम लिया। ईडी ने 10 बयान लिया। इसमें आठ बयानों को अविश्वसनीय डाक्युमेंट में डाला। दो बयान मगुंटा रेड्डी और उसके बेटे राघव रेड्डी से लिया। जिसमें उन्होंने केजरीवाल का नाम लिया और राघव रेड्‍डी की जमानत हो गई। वहीं, जिस सरथ रेड्‍डी ने बीजेपी को 60 करोड़ रुपये रिश्वत दी, जिसको खुद ईडी और बीजेपी ने किंगपिन और घोटालेबाज कहा। सरथ रेड्डी ने 12 बयान दिए। इसमें से 10 बयानों में अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया। अंतिम के दो बयानों में उसने जैसे ही केजरीवाल का नाम लिया, उसको जमानत मिल गई। इतना ही नहीं, मई 2023 में उसको माफी भी मिल गई।

उन्होंने कहा कि बीजेपी की एजेंसी ने झूठे बयानों के आधार पर दिल्ली के तीन बार के निर्वाचित मुख्यमंत्री को जेल में डाल दिया। मजेदार बात यह है कि ईडी का सरकार गवाह सरथ रेड्डी, जिसे ईडी किंगपिन कहती है और फिर सरकारी गवाह बनाती है और फिर उसे कोर्ट से माफीनामा मिलता है। जब वही सरथ रेड्डी कोर्ट में किसी काम की वजह से विदेश यात्रा के लिए स्वीकृति की अपील करता है तो ईडी उसका विरोध करते हुए कहती है कि हम उसको समन भेज रहे हैं, लेकिन वह हमारी जांच में शामिल नहीं हो रहा है। अगर उसको विदेश जाने की अनुमति मिल गई तो वह भाग जाएगा। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए नहीं आएंगे। ईडी अरविंद केजरीवाल के केस में यह कैसा मजाक कर रही है? ईडी ने एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। जिस सरकारी गवाह को माफी दिलवाई और जिस सरकारी गवाह के बयान पर आपने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी की, उसी सरकारी गवाह के विदेश यात्रा का विरोध कर रही है और कह रही है कि समन देने पर सरथ रेड्डी नहीं आ रहे हैं।

संजय सिंह ने कहा कि सरथ रेड्डी कैसे ईडी की समन पर आएगा, जब उससे झूठा बयान लिखवाया गया है तो वो ईडी की जांच में क्यों शामिल होगा। अगर सरथ रेड्डी ईडी की जांच में शामिल होता है तो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ क्या प्रमाण देगा। जब उसके पास कोई प्रमाण ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को अपनी सुनवाई के दौरान इस बात को प्रमुखता से संज्ञान में लेना चाहिए कि कैसे फर्जी बेबुनियाद मामला बनाया गया है। वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि जिस सरथ रेड्‍डी को ईडी ने जमानत दिलवाई और फिर माफी दिलवाई, उसी के विदेश यात्रा का विरोध करते हुए ईडी लिख रही है कि सरथ रेड्डी को विदेश जाने की अनुमति मिल गई तो वो केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए वापस भारत नहीं आएगा। सरथ रेड्डी हमारे समन भेजने पर नहीं आता है। यह खुद ईडी के अधिकारी कोर्ट के सामने कह रहे हैं। अब बताने के लिए कुछ नहीं बचा है कि तथाकथित शराब घोटाला कितना फर्जी मामला है। अगर ईडी के बुलाने पर भी सरकारी गवाह न आए तो इसके पीछे का रहस्य समझा जा सकता है। क्योंकि सरथ रेड्डी से झूठा बयान लिया गया और अब उसको लग रहा है कि अब ईडी उससे प्रमाण मांगेगी। सरथ रेड्डी के पास कोई प्रमाण नहीं है। इसलिए वो नहीं आ रहा है। सरथ रेड्डी विदेश चला गया, तो ईडी उससे दो-चार और झूठे बयान नहीं ले पाएगी। इसलिए विदेश जाने का विरोध कर रही है। ईडी ने पहले सरथ रेड्डी को सरकारी गवाह बनाया और अब कहती है कि उस पर उसे भरोसा नहीं है।

मोदी जी बाबा साहब को अपमानित करने वाली मानसिकत छोड़ दें- संजय सिंह

मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते हुए संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी के लोग नया संविधान बनाने की बात कहते हैं और बाबा साहब के लिखे संविधान को खत्म करना चाहते हैं। जिस दिन बीजेपी नया संविधान बनाएगी, उस दिन इस देश से आरक्षण खत्म हो जाएगा। बिहार चुनाव के दौरान मोहन भागवत कह चुके हैं कि आरक्षण की समीक्षा करनी है। जिस संविधान ने समाज के वंचित, शोषित वर्ग के लोगों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए आरक्षण का हथियार दिया है। बीजेपी वाले उसको खत्म कर नया संविधान बनाने जा रहे हैं। भारत के प्रधानमंत्री का मकसद संविधान को बदलना है। इसलिए देश के 85 फीसदी दलित, शोषित, वंचित, पिछड़ा वर्ग के लोगों को इनको जवाब देना होगा कि हम बाबा साहब के संविधान को बदलने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री बाबा साहब को अपमानित करने वाली भाषा बोल रहे हैं। जिन बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने देश का संविधान लिखा और आप धमकी भरे शब्दों में कह रहे हैं कि वह भी आ जाए तो संविधान नहीं बदल सकते। आप बाबा साहब को बीच में क्यों लेकर आ रहे हैं। मोदी जी बाबा साहब को अपमानित करने वाली मानसिकता छोड़ दीजिए।

बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र जुमला पत्र है- संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र जुमला पत्र है. आगे की घोषणा भरोसे की तब होती है, जब पिछली घोषणाओं को आपने सच कर दिखाया हो। आज बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा पर जो बात केजरीवाल कहते हैं, वह ज्यादा प्रामाणिक मानी जाएगी। क्योंकि पिछले 8-9 साल में हमने दिल्ली में काम करके दिखाया है। गारंटियों से ज्यादा काम करके दिखाया है। लेकिन पिछले 10 साल में मोदी जी का रिकॉर्ड और रिपोर्ट कार्ड क्या है। क्या उन्होंने 2 करोड़ नौकरियां नौजवानों को दे दी। क्या वह काला धन ला पाए और 15 लाख हर खाते में चला गया। क्या किसानों को उनकी एमएसपी दोगुना मिलने लगा। 15 अगस्त 2022 तक सबको पक्का मकान देने का वादा किया था। क्या वह वादा पूरा हो गया। क्या देश से महंगाई खत्म हो गई। बेरोजगारी का आलम यह है कि अग्निवीर जैसी योजना लाकर आपने भारत की सीमाओं को कमजोर करने का काम किया है। आपकी पिछली घोषणा जमीन पर तो आई नहीं और आगे की घोषणाएं हवा-हवाई हैं। बीजेपी के 10 साल का रिपोर्ट कार्ड चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा है कि मोदी जी की किसी भी बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए

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