नई दिल्ली, 01 अप्रैल 2024
सीएम अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि आज आदमी पार्टी की यह बात सच साबित हो गई है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में हार का डर सता रहा है। इसी से बौखला कर भाजपा ने सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कराया है। ईडी ने कोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल का रिमांड नहीं मांगा, बल्कि उनको न्यायिक हिरासत में भेजने पर अपनी सहमति जताई है। जब ईडी को अरविंद केजरीवाल से पूछताछ नहीं करनी है तो फिर एक सीटिंग मुख्यमंत्री को जेल में रखने का क्या तर्क है? भाजपा की साजिश का सच जनता के सामने आ गया है कि ईडी का मकसद केजरीवाल से कभी पूछताछ का था ही नहीं। इसके पीछे मकसद केवल इंडिया गठबंधन के प्रमुख चेहरे को चुनाव प्रचार से रोकना था।
पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जो घटनाक्रम हुआ, उसने बीजेपी द्वारा निर्देशित ईडी को फिर से बेनकाब कर दिया है। आज कोर्ट में ये साबित हो गया कि ईडी पूरी तरह से बीजेपी के एक सियासी औजार के तौर पर लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभा रही है। ईडी ने कोर्ट में सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत पर अपनी सहमति जताते हुए रिमांड न लेने की बात कहकर आम आदमी पार्टी के उस कथन को सही साबित कर दिया, जिसमें हमने बार-बार ये कहा है कि लोकसभा चुनावों के ठीक पहले सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव में बीजेपी की हार की प्रत्याशा का परिणाम है। उसने अपनी हार के डर से बौखलाहट में ये गिरफ्तारी की है।
विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि अब सीएम अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने का क्या मतलब है? आपने उन्हें 11 दिन की रिमांड पर लेकल पूछताछ की, अब अगर पूछताछ नहीं करनी है, तो एक सीटिंग मुख्यमंत्री को जेल की सलाखों के पीछे रखने का क्या तर्क है? किसी को न्यायिक हिसारत में तब रखा जाता है, जब आपको अंदेशा हो कि जिसके ऊपर आरोप हैं, वो कहीं चला जाएगा या कानून को मानने वाला नागरिक नहीं है। लेकिन ऐसे कोई भी हालात सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ नहीं हैं। उनको न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद ईडी और बीजेपी ने ये स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। इसका मकसद पूछताछ करना कभी था ही नहीं। बल्कि, उनका असली मकसद लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को किसी तरह से रोक के रखना और इंडिया गठबंधन के इस प्रमुख चेहरे को चुनावी कैंपेन करने से रोकना था।
उन्होंने कहा कि आज बीजेपी का घिनौना चेहरा और असली मकसद कोर्ट और विधानसभा के सामने बेनकाब हो गया है। देश और दिल्ली की जनता के सामने सच आ गया है कि बीजेपी ये नहीं चाहते कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव का प्रचार करें। बीजेपी नहीं चाहती कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता की सेवा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। भाजपा नहीं चाहती कि अरविंद केजरीवाल आगे भी दिल्लीवासियों के दिलों पर राज करते रहें।
विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जबतक बाहर थे, तब तक बीजेपी की ऑपरेशन लोटस की सारी कोशिश बार-बार लगाता असफल हो रही थी। दिल्ली विधानसभा में भी आज विधायकों ने फिर सबके सामने ये स्पष्ट किया है कि कैसे बीजेपी उन्हें पैसों का लालच देकर तोड़ने की कोशिश कर रही है। ये बेशर्म भाजपा हमारे विधायकों को मंत्रीपद का लालच देकर अरविंद केजरीवाल के सिपाहियों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ये भी कर रही हैं कि हमने तो बिना सबूत के अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। अब हमारी योजना दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की है। अगर तुम राजनीति में बने रहना चाहते हो, तो ये पैसे पकड़ो और हमारी पार्टी में शामिल हो जाओ। अगर तुम 10 विधायकों को साथ लेकर आते हो तो, राष्ट्रपति शासन के बाद जब हम दिल्ली में सरकार बनाएंगे तो तुम्हें मंत्री पद दे देंगे