मुख्यमंत्री के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर मंगलवार को हुई ईडी की छापेमारी पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने बताया कि भाजपा की ईडी का असल चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो गया है। ईडी ने मंगलवार को सीएम के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर 16-16 घंटे छापेमारी की, लेकिन अंत तक यह नहीं बताया कि वो किस केस में छापेमारी की है। ईडी ने न तो उनसे पूछताछ की, न घर की तलाशी ली और न तो अपने पंचनामे में ही किसी केस का जिक्र किया है। जबकि नियमानुसार उसे बताना चाहिए कि क्या केस और उसकी ईसीआईआर नंबर है? ईडी की छापेमारी का मूल मकसद मीडिया में केवल माहौल बनाना था, ताकि सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम किया जा सके। ईडी ने अब सारे दिखावे को खत्म कर साफ कर दिया है कि यह जांच और समन केवल सीएम अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की एक साजिश है।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि मंगलवार को केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ईडी ने आम आदमी पार्टी से जुड़े कई लोगों के घर पर छापा मारा। ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएस के घर पर 16 घंटे तक छापेमारी की। आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के घर पर 18 घंटे तक छापेमारी की। लेकिन ईडी ने छापेमारी के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता के घर में कोई भी तलाशी नहीं ली, किसी कमरे के अंदर घुसकर देखा तक नहीं, कोई कागज नहीं ढूंढे। ईडी ने मुख्यमंत्री के पीएस और सांसद एनडी गुप्ता से कोई पूछताछ भी नहीं की। ईडी ने कोई कागजी कार्रवाई करके भी नहीं बताया कि वो किस मामले में जांच के लिए आए हैं। शायद ईडी के इतिहास में यह पहली बार होगा कि 16 घंटे तक छापेमारी चली, लेकिन उसने लिखित में यह नहीं दिया गया कि वो किस केस में छापा मारने आई हैं और किस केस की जांच चल रही है।
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि नियमतः ईडी जब भी छापा मारने आती है, तो कुछ सर्च और सीजर होते हैं। सर्च और सीजर के डॉक्यूमेंट पर यह स्पष्ट लिखा होता है कि कौन सा केस है या फिर ईसीआईआर (ईडी की भाषा में एफआईआर) नंबर क्या है? आतिशी ने मीडिया को ईडी का पंचनामा दिखाते हुए कहा कि संभवतः ईडी के इतिहास का यह ऐतिहासिक पंचनामा है, क्योंकि इस पंचनामे में कहीं भी नहीं लिखा है कि वो किस केस की जांच करने आए हैं। इसमें न ईसीआईआर नंबर दर्ज है और न तो उसकी कोई डिटेल ही है। मंगलवार की छापेमारी में ईडी यह भी बताने को तैयार नहीं है कि वो छापा किस मामले में मारने आई थी। 16 घंटे की छापेमारी में ईडी के अफसर मुख्यमंत्री के पीएस के ड्राइंग रूम में बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने न कोई कागज देखे, न कोई सर्च और सीजर किया और न कोई पैसे, सोने के बिस्कुट, प्रॉपर्टी के कागजात या शेल कंपनी के कागज लेकर गए। ईडी ने मुख्यमंत्री के पीएस के दो जीमेल एकाउंट डाटा डाउनलोड किए और 3 मोबाइल फोन लेकर गए। लेकिन पूरी दुनिया और मीडिया में यह तमाशा चलता रहा कि सीएम के पीएस और पार्टी के राज्यसभा सांसद के घर पर ईडी की छापेमारी चल रही है।
उन्होंने कहा कि ईडी ने अब तो दिखावा करना भी छोड़ दिया है कि वो किस केस में जांच और सर्च करने आई है या फिर कोई कागजात लेकर जा रहे हैं। ईडी ने अब अपना असली चेहरा सबके सामने रख दिया है कि छापेमारी और समन का मकसद केवल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला करना और उनको कुचलना है। भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता है कि उनको अगर कोई चैलेंज कर सकता है तो केवल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। अरविंद केजरीवाल छापेमारी, समन और जेल जाने से नहीं डरते हैं। इसलिए सारे नकाब उतार कर और दिखावा खत्म कर ईडी को बस एक काम पर लगा दिया है कि अरविंद केजरीवाल और पार्टी के सभी नेताओं जेल में डाल दो।
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि पहले तय होता है कि किसको जेल में डालना है और उसके बाद तय होता है कि किस केस के तहत जेल में डालना है, लेकिन अब आलम यह है कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने ईडी के केस, जांच, समन के दिखावे को भी खत्म कर दिया है। अब बिल्कुल साफ हो गया है कि यह कोई जांच नहीं है, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खत्म करने की एक साजिश है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईडी की छापेमारी मीडिया में माहौल बनाकर सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए की गई थी।