नई दिल्ली, 09 अप्रैल 2024
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने पर आम आदमी पार्टी ने सम्मान पूर्वक असंतोष जताया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली का तथाकथित शराब घोटाले का पूरा मामला थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर सरकारी गवाहों से लिए गए बयान पर आधारित है। इस मामले के कई गवाह कोर्ट में कह चुके हैं कि उन पर दबाव डालकर लिया गया। ईडी ने सोची समझी साजिश के तहत गवाहों पर दबाव बनाकर उनसे उल्टे सीधे बयान दिलवाए। यह घोटाला भारत के इतिहास पहला ऐसा मुकदमा है, जिसमें दो साल से जांच चल रही है, सैकड़ों छापेमारी और 500 से ज्यादा गवाही के बाद भी न कोई बरामदगी हुई और न तो सबूत ही मिला है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की अवैध गिरफ्तारी के मामले में ऑर्डर दिया है। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले से असहमत हैं। हम जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हमें उम्मीद है कि संजय सिंह की तरह सीएम अरविंद केजरीवाल को भी सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि हम हाई कोर्ट का सम्मान करते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गैरकानूनी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर आए फैसले से असहमत हैं। इस मामले को लेकर अब हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और पूरी उम्मीद है कि जिस तरह से संजय सिंह को न्याय मिला था। उसी तरह अरविंद केजरीवाल को भी न्याय सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे से ही मिलेगा। दिल्ली का तथाकथित शराब घोटाला भारत के इतिहास का पहला ऐसा मुकदमा है, जिसमें करीब दो साल से जांच चल रही है, ढाई सौ से ज्यादा छापेमारी हो चुकी है, 500 से ज्यादा गवाह बुलाए जा चुके हैं। लेकिन इस तमाम कवायद के बाद एक चवन्नी तक की रिकवरी नहीं हुई है। लेकिन राष्ट्रीय दल आम आदमी पार्टी के नेताओं को एक-एक कर जेल में डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि इस केस में कोई तथ्य नहीं है। 30 अक्टूबर 2023 को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि एक रुपये की भी रिकवरी नहीं हुई है। ईडी के पास एक भी रुपये के लेनदेन का सबूत नहीं है। अगर यह मामला ट्रायल पर चला गया तो दो मिनट भी ठहर नहीं पाएगा। संजय सिंह की जमानत याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मनी ट्रेल कहां है? अगर ईडी संजय सिंह की जमानत याचिका पर ऐसी ही अड़ी रहेगी तो ऐसा ऑर्डर पास करेंगे कि पूरा केस तहस-नहस हो जाएगा। इसके बाद ईडी को मजबूरन पीछे हटना पड़ा।
जस्मीन शाह ने कहा कि इस केस में कई गवाहों ने कोर्ट में जाकर कहा था कि हम पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। हम पर जबरन दबाव डालकर आम आदमी पार्टी के नेताओं का नाम लेने को कहा जा रहा है। चंदन रेड्डी नाम के गवाह ने भी हाई कोर्ट में कहा कि मुझे इतने जोर से थप्पड़ मारा कि कान के पर्दे फट गए। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की थी। दूसरे गवाह अरुण पिल्लई ने कोर्ट में कहा कि मेरी बेटी, पत्नी और परिवार पर दबाव डालकर इनके मुताबिक बयान देने को कहा जा रहा है। गवाह समीर महेंद्रू ने भी कहा कि मेरे पिता, मेरी पत्नी को एयरपोर्ट में रोका जा रहा है। मेरे परिवार पर दबाव डाला जा रहा है। अब सोचिए कि अगर किसी इंसान के परिवार पर दबाव डाला जाएगा तो क्या वह उल्टे-सीधे बयान नहीं देगा। ईडी ने सोची-समझी साजिश के तहत तमाम गवाहों पर इतना अधिक दबाव बनाया कि जब तक वह उनके मुताबिक बयान नहीं देंगे, उनको रिहा नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह पूरा केस केवल सरकारी गवाहों पर टिका है। इनमें पिता और पुत्र की जोड़ी यानी कि मगुंटा रेड्डी और राघव रेड्डी हैं। इनकी कहानी हैरान करने वाली है। 16 सितंबर 2022 को पिता-पुत्र के यहां ईडी की रेड होती है। उस समय दोनों कोई बयान अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नहीं देते हैं। जब ईडी को मनचाहा बयान नहीं मिलता तो 10 फरवरी 2023 को राघव रेड्डी गिरफ्तार हो जाते हैं और वह पांच महीने जेल के अंदर रहते हैं। इस दौरान भी उनसे कुल 6 बयान लिए जाते हैं और पिता मगुंटा रेड्डी से भी दो बयान लिए जाते हैं। इन आठ बयानों में भी अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं होता है। लेकिन पांच महीने जेल में रहने के बाद दोनों बाप-बेटे का हौंसला टूट जाता है और वह 16 जुलाई 2023 को पहली बार अरविंद केजरीवाल का नाम लेते हैं। इसके बाद 18 जुलाई 2023 को उनको माफीनामा और जमानत मिल जाती है और दोनों सरकारी गवाह बन जाते हैं। बीजेपी 29 मार्च 2024 को मगुंटा रेड्डी को ईनाम के तौर पर एनडीए का टिकट दे देती है। जबकि, इन दोनों के बयान पीएमएलए की धाराओं में दर्ज किए गए हैं। इनमें गलत बयान देने पर कार्रवाई तक हो सकती है। लेकिन जब ईडी कहती है कि हम पहले वाले नहीं, बाद वाले बयान को मानेंगे तो इसका मतलब है कि जो बयान पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए थे क्या वह गलत हैं? बीजेपी और दोनों पिता-पुत्र के बीच बातचीत के सारे फोन रिकॉर्ड निकाल लो। पूरा केस ही सॉल्व हो जाएगा। अब तो कोई पर्दा भी नहीं रहा, खुलेआम षड़यंत्र रचा जा रहा है।
जस्मीन शाह ने कहा कि हाई कोर्ट में आज हुई सुनवाई से हम असहमत है। कोर्ट ने कहा कि सरकारी गवाह कानून में वैध होता है। अगर आपको सरकारी गवाहों के बयान पर असहमती है तो ट्रायल के दौरान उस पर सुनवाई करेंगे। लेकिन अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हाई कोर्ट में संजय सिंह की जमानत याचिका जब खारिज हुई थी तो बिल्कुल इसी तरह सुनवाई हुई थी। लेकिन दूसरी तरफ जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाता है तो यही सब घटनाक्रम देखकर सुप्रीम कोर्ट संजय सिंह को जमानत दे देती है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के मामले में हमें पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा।