नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2024
आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध घोषित करने के बावजूद उसे सही ठहरा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड महा घोटाला आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है और मोदी जी इसके पक्ष में खड़े हैं। मोदी जी अपने साक्षात्कार में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का भी खुलेआम समर्थन कर रहे हैं। इसके लिए उनको सुप्रीम कोर्ट और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। अब यह मामला पूरे देश के सामने आ चुका है कि आज भाजपा ने कंपनियों से रिश्वत ली और अगले दिन मोदी जी ने उनको करोड़ों रुपए का ठेका दे दिया। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कालेधन, महंगाई, बेरोजगारी, एमएसपी और अग्निवीर समेत जनता से जुड़े मुद्दों पर कुछ नहीं बोले, जबकि लोगों इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसलिए 2014 की तरह इस बार भी मोदी जी को जनता को ललकारना चाहिए कि वोट करने से पहले डीजल-पेट्रोल, सिलेंडर, गेहूं-धान की कीमतें देख कर घर से निकलना।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड के महा घोटाले का बचाव करने पर प्रधानमंत्री को तीखा हमला किया। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि पीएम मोदी के इंटरव्यू में सबसे हैरान और चौकाने वाली करने वाली बात थी कि देश के प्रधानमंत्री आजादी के बाद हुए महा घोटाले का खुलेआम बचाव कर रहे हैं। पीएम मोदी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा द्वारा ली गई रिश्वत का बचाव कर रहे हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड के महा घोटाले में भाजपा सिर से पांव तक डूबी हुई है और देश के खुलेआम प्रधानमंत्री भाजपा के पक्ष में खड़े हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध किसी राजनीतिक दल ने नहीं, बल्कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड असंवैधानिक और अवैध है। इलेक्टोरल बॉन्ड का बचाव कर प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपमान किया है। प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करने और इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का बचाव करने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी की पार्टी ने भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए खुलेआम रिश्वत लिया। प्रधानमंत्री ने तीन-तीन बार प्रयास किया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड का महा घोटाला खुलने न पाए। हम सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करते हैं कि कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड से लिए गए पैसे को देश की जनता के सामने सार्वजनिक करने का आदेश दिया। इलेक्टोरल बॉन्ड के सर्वाजनिक होने के बाद भाजपा का पूरा देश के सामने आया कि भाजपा ने किस कंपनी से कितनी रिश्वत ली है। भाजपा आजाद भारत की सबसे भ्रष्ट पार्टी है और केंद्र में बैठी भाजपा सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है। खुद प्रधानमंत्री ने इलेक्टोरल बॉन्ड के पक्ष में खड़े होकर यह साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बोल रहे हैं, यह हैरान करने वाली बात है। कैमरे पर प्रधानमंत्री सरासर झूठ बोल रहे हैं। हालांकि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं हैं। पूरी भाजपा के लोगों को झूठ बोलने में महारत हासिल है। मोदी जी की पार्टी का नाम ही भारतीय झूठा पार्टी है। मोदी जी की पार्टी भाजपा को अकेले 65 फीसद धन मिला है। इलेक्टोरल बॉन्ड के 65 फीसद रिश्वत की रकम अकेले भाजपा को मिली है।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा का मनी ट्रेल भी पकड़ में आ गया है। शराब घोटाले के मुख्य घोटालेबाज सरथ रेड्डी से भाजपा ने 60 करोड़ रुपए लिए हैं। शराब घोटाले में प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी शामिल है। रिश्वत भाजपा ने ली है। इतनी कंपनियों की डिटेल जनता के सामने आने के बाद भी प्रधानमंत्री बड़ी बेशर्मी से अपनी पार्टी का बचाव कर रहे हैं। भाजपा आज कंपनियों से रिश्वत ले रही है और अगले दिन मोदी सरकार उसको ठेका दे रही है। यह संयोग है दुर्योग है। यह संयोग है या रिश्वत और भ्रष्टाचार का खुला खेल है। मोदी जी को देश की जनता को बताना चाहिए। मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी-सीबीआई के छापे मरवाए। जिन कंपनियों पर छापे मरवाए, उन्हीं से भाजपा ने चंदा लिया। इसके बाद भी भाजपा का बचाव कर रहे हैं। ईडी और सीबीआई को जांच के लिए कितने प्रमाण चाहिए। अभी तक भाजपा के नेताओं से पूछताछ तक नहीं हुई और न तो इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाली कंपनियों से पूछताछ हुई। ईडी-सीबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाली कंपनियों से पूछताछ कर क्यों नहीं जाना चाहिए कि उन्होंने किस कारण से भाजपा को रिश्वत दी और कैसे उनको बड़े-बड़े ठेके मिल गए। सरथ रेड्डी तो गिरफ्तार था, इसके बाद भी भाजपा को 60 करोड़ रुपए का चंदा दे दिया। सरथ रेड्डी शराब घोटाले का मुख्य आरोपी था।
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी साबित कर दिया है कि उनकी सरकार ने पिछले 10 सालों में देश की जनता के लिए कोई काम नहीं किया है। इंटरव्यू में प्रधानमंत्री बेरोजगारी और महंगाई पर कुछ नहीं बोले। मोदी सरकार में डीजल, पेट्रोल, सरसो के तेल समेत अन्य खाद्य वस्तुओं के नाम आसमान पर पहुंच गए हैं, लेकिन पीएम महंगाई पर एक शब्द नहीं बोले। महंगाई से गरीब की कमर टूट गई है और मोदी जी उस पर चुप हैं। मोदी जी ने अग्निवीर के सवाल पर कुछ नहीं बोला, एमएसपी पर कुछ नहीं बोले। एमएसपी की मांग को लेकर 750 से अधिक किसानों ने अपनी सहादत दी। किसानों के दोगुना आय के वादे का क्या हुआ? पक्के मकान का क्या हुआ? कालेधन का क्या हुआ। प्रधानमंत्री ने अपने पूंजीपति मित्रों के 15 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिया। मोदी जी ने 3.53 लाख करोड़ रुपए सेटलमेंट के जरिए चंद पूंजीपति मित्रों का माफ कर दिया। यह देश की जनता के हिस्से में केवल पांच किलो राशन आया। अपने मित्रों को ढाई-ढाई लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया। ये लोग भारत के बैंकों का हजारों करोड़ रुपए लूट कर विदेशों में बैठ कर देश की व्यवस्था को चिढ़ा रहे हैं। इस पर प्रधनमंत्री चुप हैं।
संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को प्रधानमंत्री का साक्षात्कार ने देश की 140 करोड़ जनता को निराश किया है। इस साक्षात्कार ने प्रधानमंत्री और भाजपा के चेहरे को देश के सामने बेनकाब किया है। मोदी जी ने देश की जनता से जो वादे किए थे, उस पर एक भी जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। प्रधानमंत्री पहले के चुनाव आयोगों पर उंगली उठा रहे हैं। अगर पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की आत्मा प्रधनमंत्री की बात सुन रही होगी तो वो हंस रही होगी। भाजपा, कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन की निष्ठा और ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया था। देश की जनता ने भी उनके काम को सराहा। पीएम मोदी चुनाव आयोग में ऐसे लोगों को बैठाना चाहते हैं, जो उनकी मर्जी से काम करें। प्रधानमंत्री चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करना क्यों चाहते हैं? क्या भारत के मुख्य न्यायाधिश पर प्रधानमंत्री को भरोसा नहीं है। अगर चयन समिति में एक राजनीति दल का व्यक्ति और बढ़ गया होता तो प्रधानमंत्री की आपत्ति जायज मानी जाती। मोदी जी ने चयन समिति से भारत के मुख्य न्यायाधिश का ही बाहर कर दिया और कमेटी में अपना बहुमत बनाकर अपने हिसाब से चुनाव आयुक्त नियुक्त करना चाहते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ईडी-सीबीआई का बचाव कर रहे हैं। मोदी जी किसको सिखा रहे हैं। शराब घोटाले में 35 आरोपी हैं। मोदी जी को बताना चाहिए कि इसमें कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है और वो जेल में हैं। मोदी जी तीन-चार राजनीतिक व्यक्तियों को जेल में डालते हैं और गैर राजनीतिक लोगों को सरकारी गवाह बनाकर छोड़ देते हैं। फिर मोदी जी कहते हैं कि हमने तो केवल तीन फीसद नेताओं पर ही कार्रवाई की है। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ईडी का कुल दोष सिद्धि दर कितना है? देश की जनता को पता होना चाहिए कि ईडी का कंविक्शन रेट 0.5 फीसद है। जबकि ईडी ने 10 साल में 8 हजार से ज्यादा छापेमारी की है। मोदी जी की तानाशाही और भाजपा के भ्रष्टाचार को देश की जनता जान चुकी है। देश की जनता जान चुकी हैं कि प्रधानमंत्री महंगाई, बेरोजगारी, किसानी के सवाल पर कुछ नहीं बोलेंगे। यही मोदी जी 2014 के चुनाव में ललकार कर कहते थे कि घर से निकलना तो सिलेंडर देख कर वोट करने जाना। प्रधानमंत्री इस बार के चुनाव में भी बोलें कि घर से निकलना तो मोटर साइकिल, सिलेंडर, गेहूं-धान को देखकर वोट करने जाना, तब देश का किसान, युवा और माता-बहनें बताएंगी जो महंगाई, बेरोजगरी और परेशानियों से जूझ रहे हैं