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दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले की जांच कर रही देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियों में से एक ईडी और सीबीआई की असल जांच का सच जनता के सामने लाते हुए शनिवार को आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए “आप” के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कंस का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कंस को पता था कि भगवान श्रीकृष्ण ही उसका वध करेंगे वैसे ही भाजपा को पता है कि केजरीवाल ही भाजपा का अंत करेंगे इसलिए बीजेपी अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक वध करने का प्रयास कर रही है। मगर जिस तरह कंस भगवान श्रीकृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाया वैसे ही भाजपा भी अरविंद केजरीवाल का बाल भी बांका नहीं कर पाएगी। अरविंद केजरीवाल बेदाग ईमानदारी के साथ आधुनिक समय के महात्मा गांधी हैं, अगर वे भ्रष्ट हैं तो इस दुनिया में कोई भी इंसान ईमानदार नहीं है। ईडी-सीबीआई ने 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो आखिर ये पैसे कहां गए? एक साल की जांच में इतनी छापेमारी के बाद भी इन्हें पैसे क्यों नहीं मिले? अगर दिल्ली की शराब नीति खराब थी तो इसे पंजाब में लागू करने पर पंजाब सरकार का आबकारी राजस्व 40 फीसद कैसे बढ़ गया, यानी खोट शराब नीति में नहीं बल्कि भाजपा की नीयत में है। इसलिए ईडी-सीबीआई ने मनगढ़ंत साक्ष्य के आधार पर समन भेजा है। ईडी-सीबीआई ने कोर्ट में दस्तावेज जमा करते हुए लिखा कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन नष्ट किए, जबकि उनमें से 5 फोन ईडी-सीबीआई के कब्जे में है और बाकी कार्यकर्ताओं के पास है, यानी इनके सारे आरोप झूठे हैं। ईडी-सीबीआई का मकसद अभियोजन नहीं उत्पीड़न करना है, इनके रिकॉर्ड में 0 फीसद अभियोजन और 100 फीसद उत्पीड़न है। मोदी सरकार ने आठ साल में 3555 नए केस दर्ज किए लेकिन केवल 23 लोगों को दोषी सिद्ध कर पाए। कई गवाहों ने कोर्ट में कहा कि ईडी-सीबीआई ने उन्हें मारपीट कर झूठे बयान लिए हैं। इनका मकसद केजरीवाल को खत्म करना है। आम आदमी पार्टी इनके खिलाफ जालसाजी और न्यायालय में झूठे साक्ष्य पेश करने का मुकदमा करेगी। आम आदमी पार्टी लाठी, आंसू बम और हर तरह के संघर्ष को झेलकर निकली पार्टी है, हम इनकी जांच एजेंसियों के समन, छापेमारी और जेल भेजने से डरकर बैठने वाले नहीं है।

भाजपा के आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को खत्म करने के मकदस को जनता के सामने पेश करते हुए शनिवार को आम आदमी पार्टी मुख्यायल में राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह कंस को पहले से पता लग गया था कि भगवान श्रीकृष्ण अवतार लेकर उसका अंत करेंगे, इसका ज्ञान होते ही कंस ने हर संभव प्रयास किया कि भगवान श्रीकृष्ण को पैदा होते ही खत्म कर दिया जाए। वैसा ही कुछ आज भारतवर्ष में देखा जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी यह जानती है कि उनका पतन अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी करेगी इसलिए आज के दौर की कंस भाजपा हर संभव कोशिश कर रही है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का राजनीतिक वध कर दिया जाए। ताकि हमलोग समाप्त हो जाएं और भाजपा को कोई भी चुनौती देने वाला न हो। कंस की तरह ही भारतीय जनता पार्टी को पता है कि अरविंद केजरीवाल ही भाजपा का पतन करेंगे। इसलिए वह उन्हें रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है। मगर जिस तरह कंस भगवान श्रीकृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाया वैसे ही भाजपा और उनकी एजेंसियां भी अरविंद केजरीवाल का बाल भी बांका नहीं कर पाएगी। ऊपर वाले हमसे कुछ बड़ी चीज करवाना चाहते हैं इसलिए आम आदमी पार्टी की पिछले 10 साल की यात्रा में जनता का भरपूर समर्थन और प्यार मिला है। उन्होंने कहा कि आज “आप” इस मुकाम पर पहुंच गई है कि भाजपा का डर इस कदर उनके सिर पर चढ़कर बैठ गया है कि वो एक-एक कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल के अंदर डाल रही है। आम आदमी पार्टी एक आंदोलन से निकली पार्टी है, हमलोग सड़कों पर लाठियां, आंसू बम, वाटर कैनन हर प्रकार के संघर्ष को झेलते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं। मैं भाजपा के लोगों को कहना चाहता हूं कि “आप” के लोग उस मिट्टी के नहीं बने जो तुम्हारी जांच एजेंसियों के समन, छापेमारी और जेलों से डरकर घर पर बैठ जाएंगे। आम आदमी पार्टी के लोग आंदोलन की कोख से जन्मे लोग हैं और मरते दम तक संघर्ष करेंगे। इस देश के अस्तित्व को बचाने के लिए और भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। अरविंद केजरीवाल बेदाग ईमानदारी के साथ आधुनिक समय के महात्मा गांधी हैं। अगर वे भ्रष्ट हैं तो इस दुनिया में कोई भी इंसान ईमानदार नहीं है। मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि इन जांच एजेंसियों का प्रयोग उन कमजोर दिल के लोगों पर करो जो तुम्हारी जांच एजेंसियों से डरते हो। अरविंद केजरीवाल उस फौलादी सीने, जिगर और उस बब्बर शेर का नाम है जो तुम्हारी जांच एजेंसियों से नहीं डरता।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि इस देश में ईडी-सीबीआई तथाकथित शराब घोटाले की जांच कर रहा है। दिल्ली सरकार ने एक शराब नीति लागू की जिस्से दिल्ली में शराब माफिया खत्म हुआ और दिल्ली का राजस्व बढ़ा, लेकिन उस नीति को फेल कर उसमें आरोप लगाकर भाजपा ने एक मनगढ़ंत घोटाले की कल्पना की और ईडी-सीबीआई को हम पर छोड़ दिया। लेकिन अगर ये नीति खराब और भ्रष्टाचारी थी तो दिल्ली की शराब नीति हूबहू पंजाब में लागू हुई, तो पंजाब सरकार का आबकारी राजस्व 40 फीसद से अधिक बढ़ गया, वहां शराब माफिया खत्म हुआ। पंजाब एक पूर्ण राज्य है, वहां स्वतंत्रता है और सीबीआई-ईडी नहीं घुस सकते। इससे यह साबित होता है कि खोट नीति में नहीं था असल में खोट भाजपा की नीयत में था। जिसके चलते भाजपा ने आज एक मनगढ़ंत घोटाले और मनगढ़ंत केस के आधार पर आम आदमी पार्टी के नेताओं को नोटिस भेजना और गिरफ्तार करना शुरू किया।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि मैं अपनी इस बात को दो-तीन उदाहरण देकर साबित करूंगा कि ईडी-सीबीआई जोकि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियों में से आती है वो कैसे इस केस में मनगढ़ंत सबूत इकट्ठा कर रही हैं और गलत गवाही में हस्ताक्षर करा उसे कोर्ट के सामने पेश कर रही हैं। हाईकोर्ट और निचली अदालतों के अंदर कैसे दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर केस बनाए जा रहे हैं। इसका पहला उदाहरण यह है कि सीबीआई और ईडी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोर्ट में दस्तावेजों में लिखकर जो मुख्य आरोप दर्ज कराए हैं उसमें लिखा है कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन नष्ट किए और यह सबूतों को नष्ट करना है। क्योंकि सबूतों से छेड़छाड़ करना एक कानूनी जुर्म है इसलिए मनीष सिसोदिया गुनहगार हैं और उन्हें जेल में डाल दिया। जब ईडी-सीबीआई ने उन 14 फोनों का ब्योरा कोर्ट के सामने दिया तो पता लगा कि उन 14 में से 5 फोन को सीबीआई और ईडी की कस्टडी में हैं। यानी ईडी-सीबीआई को जो आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने 14 फोन जला दिए या फेक दिए, उनमें से 5 तो खुद ईडी-सीबीआई की तिजोरी में बंद है। बाकी के नौ फोन आज भी पार्टी के कार्यकर्ता के पास हैं यानी 14 फोन को बर्बाद करने का आरोप सरासर झूठा है।

दूसरा उदाहरण यह है कि मनीष सिसोदिया के घर, गांव, बैंक लॉकर, रिश्तेदारों के घर पर छापेमारी में कहीं भी पैसा नहीं मिला। मगर इसके बावजूद ईडी-सीबीआई कोर्ट में लिखित में कहती है कि मनीष सिसोदिया ने 100 करोड़ का घोटाला किया। आज तक ईडी-सीबीआई उस 100 करोड़ में से एक फूटी कौड़ी का भी पता नहीं लगा पाई कि आखिर उस पैसे से कौन सी जमीन-जेवर खरीदे गए, किस बैंक में यह पैसे पड़े हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी, सिर्फ झूठे आरोप लगाए। पिछले एक साल से ईडी-सीबीआई इस तथाकथित शराब घोटाले की जांच कर रही है, एक साल में इन्होंने एक हजार से ज्यादा अधिकारियों की टीम लगाई, 400 से ज्यादा जगाहों पर छापेमारी की लेकिन उसमें आजतक उन्हें सबूत नहीं मिला। एक जांच एजेंसी को कई भी केस सिर्फ आरोपों के आधार पर नहीं चलता है उसके लिए सबूत देना होता है। मैं भाजपा और उनकी जांच एजेंसियों से ये पूछना चाहता हूं कि आपने जो 100 करोड़ का आरोप लगाया है वो पैसा कहा हैं? अगर किसी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी ने 100 करोड़ रुपए कमा लिए तो वो पैसे कहां गए?

तीसरा उदाहरण यह है कि गवाहों को मारा-पीटा जा रहा है, इस बात का खुलासा उनकी मेडिकल रिपोर्ट में हुआ है। गवाहों को शारीरिक रूप से इतना प्रताड़ित किया है कि उनकी सुनने और देखने की शक्ति समाप्त की जा रही है। चंदन रेड्डी नामक गवाह के दस्तावेज और मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि उन्हें ईडी के अवसरों ने इतना पीटा कि उनकी सुनने की शक्ति चली गई। चंदन रेड्डी ने बताया कि ईडी-सीबीआई के अवसर मुझे बिठाकर यह कहते थे कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नाम लो, ये बोल मैंने इन्हें करोड़ों रुपये दिए हैं। अगर नाम नहीं लेगा तो तेरी आंख, नाक, कान सब हम फोड़ देंगे। ये देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियों की जांच का तरीका है। ये झूठे बयान दर्ज करावाने के लिए गवाहों को थर्ड डिग्री टॉर्चर करके उनपर दबाव बना रही है। चौथा आरोप यह है कि जितने भी गवाह ईडी-सीबीआई के सामने पेश हुए उनमें से ज्यादातर गवाहों ने कोर्ट में बयान वापिस लेने की अर्जी दाखिल करके कहा कि हमसे ईडी-सीबीआई ने अपने दफ्तर में जो भी बयान दिलवाए और जिन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए वो सभी चीजें हमने दबाव में आकर करी हैं। ईडी-सीबीआई ने हमें और हमारे परिवार को डरा-धमका कर हमसे झूठे बयान दिलवाए हैं।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। हम जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही जालसाजी और कोर्ट के समक्ष गलत सबूत पेश करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी रस्ता जरूर अपनाएंगे। आज देश की जनता के लिए यह भी जानना जरूरी है कि कैसे ये देश की जांच एजेंसियां लोगों को प्रताड़ित कर झूठे बयान लिखवा रही हैं। उनका एक ही मकसद है अरविंद केजरीवाल को जेल में डालो और आम आदमी पार्टी को बर्बाद करो। इनके लिए तथाकथित शराब घोटाला और भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं है। इनके लिए मुख्य मुद्दा यह है कि अरविंद केजरीवाल को खत्म करना है, क्योंकि आज सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही वो शक्स हैं जो भाजपा और उसके लोगों के साथ समझौता नहीं करते।

उन्होंने आगे कहा कि हम पर आरोप लगाया कि हमने 100 करोड़ का घोटाला कर उस पैसे का इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए किया है। एक साल से चल रही जांच में इन्होंने हमारे कई वेंडरों से पूछताछ की, यहां तक की पोस्टर छापने वालो को गिरफ्तार भी किया लेकिन आजतक इन्हें एक भी फूटी कौड़ी नहीं मिली। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि इन एजेंसियों का इस्तेमाल उन कमजोर दिल के नेताओं पर करो जो ईडी-सीबीआई के डर से शायद तुम्हारी पार्टी में शामिल हो जाएं, लेकिन आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल कमजोर लोग नहीं है, हम अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले 7-8 साल में हमारे बहुत लोगों को ईडी-सीबीआई को पुलिस के मामलों में फंसाया, 40 से अधिक विधायकों पर मुकदमे किए। एक-एक कर सभी मुकदमों में विधायक बरी हो गए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजी सचिव राजेंद्र कुमार जी से लेकर सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया की छापेमारी की लेकिन किसी भी केस में अभियोजन नहीं करा पाए क्योंकि इसका मकसद अभियोजन करना नहीं उत्पीड़न करना है। ईडी ने पिछले 2014 से 2022 तक 8 सालों में 3555 नए मामले दर्ज किए, इन तथाकथित भ्रष्टाचार के मामलों में अगर दोषसिद्धि के दर की बात करे तो ये सिर्फ 23 लोगों को दोषी सिद्ध कर पाए हैं।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि अंत में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल जी को सीबीआई का समन भिजवाने का जो दुष्कर्म किया है, मैं बीजेपी को कहना चाहता हूं आपने खुली तार पर हाथ लगाया है। बीजेपी 440 वोल्ट का करंट खाने के लिए तैयार रहो। इन एजेंसियों को कहिए कि जांच की आड़ में लोगों को पीटना, मारना, डराना बंद करे।

आज एजेंसियों का दुरुपयोग करना 1970 के दशक के मीसा कानून की याद दिलाता है। जब उस समय की प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी जी ने मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट नाम का एक मीसा कानून देश में लागू किया और उस कानून का इस्तेमाल करके देश के तमाम विपक्षी नेताओं को पकड़ कर जेल में डाल दिया था। आज भी वैसा ही कुछ इस देश में देखा जा रहा है। जो भी शख्स भाजपा को चुनौती देता है, उसके खिलाफ जांच एजेंसियों को लगा दिया जाता है कि इनको पकड़ कर जेल में डाल दिया जाता है। मैं भाजपा को कहना चाहूंगा कि इस मीसा कानून के लागू होने के बाद, विपक्ष के नेताओं को जेल में डालने के बाद, 1977 के चुनाव में जो हालत उस वक्त की बहुत ही ताकतवर प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी की हुई थी, कहीं वैसा ही हाल 2024 के चुनाव में देश के ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ना हो जाए।

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