केजरीवाल सरकार दिल्ली में पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्सवों के आयोजन के साथ राजधानी के लोगों को इनका लुत्फ़ उठाने की श्रृंखला में इत्र और सुगंधी मेले का आयोजन करवा रही है| सुंदर नर्सरी में आयोजित हो रहे इस तीन दिवसीय मेले में लोग इत्रों की विभिन्न किस्मों से रूबरू होने के साथ-साथ कव्वाली और गजल कार्यक्रम का लुत्फ़ उठा सकेंगे| शुक्रवार को दिल्ली की पर्यटन मंत्री आतिशी ने इसका उद्घाटन किया|
इस मौके पर पर्यटन मंत्री ने कहा कि, दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा ‘इत्र और सुगंधी मेला’ पर्यटन को बढ़ावा देने और पारंपरिक उद्योगों को अपना व्यापार बढाने के लिए मंच प्रदान करने की दिशा में दिल्ली सरकार द्वारा की जा रही महत्वपूर्ण पहलों का हिस्सा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली का पर्यटन विभाग समृद्ध कला, संस्कृति और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए नियमित रूप से इस तरह के आयोजन करती है।
पर्यटन मंत्री आतिशी ने कहा कि, इत्र देश के सदियों पुराने पारंपरिक उद्योगों में शामिल है| ये व्यवसाय सैकड़ों सालों से लोगों की आजीविका का साधन रहा है| वर्तमान में ऐसे समय में जब पारंपरिक और कुटीर उद्योग ख़त्म होते जा रहे है ऐसे में ‘इत्र और सुगंधी मेले’ जैसे कार्यक्रमों द्वारा केजरीवाल सरकार का उद्देश्य इन पारंपरिक उद्योगों को बड़ा मंच प्रदान करते हुए मुख्यधारा में शामिल करना है| ताकि ये उद्योगों और इनसे जुड़े लोग हाशिये पर न चले जाए और अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सके|
तीन दिवसीय मेले में दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक इत्रों की विभिन्न किस्मों से रूबरू होने के साथ-साथ कव्वाली और गजल कार्यक्रम का लुत्फ़ उठा सकेंगे लोग
दिल्ली के पर्यटन विभाग की तरफ से इत्र और सुगंधी मेले का आयोजन 17 से 19 मार्च को निजामुद्दीन के नर्सरी में किया जा रहा है| तीन दिवसीय इस मेले में लोग दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक इत्रों की विभिन्न किस्मों से रूबरू होने के साथ-साथ कव्वाली और गजल कार्यक्रम का लुत्फ़ उठा सकेंगे साथ ही मेले में एरोमाथेरेपी और इत्र को लेकर भी चर्चाएँ होगी| मेले में हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री व खानपान के विभिन्न व्यंजनों के स्टाल भी शामिल होंगे| साथ ही मेले के माध्यम से आम लोगों को बताया जाएगा कि खुशबूदार फूलों से कैसे इत्र को तैयार किया जाता है|
मेले में निज़ामी ब्रदर्स की कव्वाली और नूरां सिस्टर्स की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होंगे| यहाँ तीन दिन के लिए अलग-अलग निर्धारित कार्यक्रम के माध्यम से जाने-माने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा|
इस उत्सव के मुख्य आकर्षणः-
• एरोमाथेरेपी, इत्र एवं सुगंधी पर व्याख्यान
• इत्र एवं सुगंधी पर प्रश्नोत्तरी एवं स्लोगन प्रतियोगिता
• सुगंधी, गुलाब-जल, अगरबत्ती एवं कुप्पी बनाने की विधि का प्रदर्शन
• पारम्परिक बोतलों में खुशबूओं की प्रस्तुति
• पंचकर्मा का प्रदर्शन
• अरोमाथेरेपी का प्रदर्शन
• इत्र बनाने का प्रदर्शन
• गुलकन्द बनाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन
• विभिन्न प्रकार के हस्तकरघा व हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री
• खान-पान के विभिन्न जायकों के स्टॉल
• हर शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।