आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भाजपा सरकार पर संविधान और संसदीय कानूनों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव को अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया जाता था, जब तक उस प्रस्ताव पर बहस और मतदान नहीं हो जाता, तब तक कोई अन्य विधायी कार्य नहीं किया जाता था। हालांकि भाजपा सरकार इन नियमों का उल्लंघन कर रही है। नियमित कामकाज कर रही है और अविश्वास प्रस्ताव को संबोधित किए बिना विधेयक पारित कर रही है। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि वे लोकसभा में अन्य मामलों पर आगे बढ़ने से पहले बहस को प्राथमिकता दें और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करें।
सांसद राघव चड्ढा ने बताया कि मणिपुर की जमीनी हकीकत की समझने के लिए इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर में हजारों लोग बेघर हो गए। सैकड़ों लोगों की जान चली गई और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध हुए। उन्होंने राज्यपाल और भाजपा की निष्क्रियता के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। सवाल किया कि वर्तमान मणिपुर सरकार को भंग क्यों नहीं किया गया? शांति बहाल करने और अनुच्छेद 355 व 356 जैसे संवैधानिक उपायों को क्यों नहीं अपनाया जा रहा है?
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का रवैया मणिपुर के अपेक्षाकृत छोटे होने और केवल दो लोकसभा सीटों के कारण ऐसा है। अगर मणिपुर अधिक यूपी की तरह अधिक सीटों वाला बड़ा राज्य होता तो सरकार की प्रतिक्रिया अलग होती। अगर मणिपुर में गैर-भाजपा सरकार होती तो केंद्र सरकार बहुत पहले ही राष्ट्रपति शासन लगा देती।
मणिपुर की एक वीडियो की जांच सीबीआई द्वारा अपने हाथ में लेने के मामले पर उन्होंने कहा कि इसपर कार्रवाई करने में काफी देर हो चुकी है। बीजेपी को 80-85 दिन लग गए कार्रवाई करने में जबकि राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण लोग हर दिन परेशान हो रहे हैं।