पंजाब में धान और अन्य फसलों की MSP में अंतर खत्म करने और राज्य में पराली जलाने से रोकने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। पंजाब में पराली जलाने से रोकने के लिए भगवंत मान सरकार किसानों को मुआवजा दे रही है। आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने राज्य में फसलों की MSP में अंतर खत्म करने और पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार को ऑफर दिया है। पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने गुरुवार को राज्यसभा में पराली और MSP को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछे।
डॉ संदीप पाठक ने राज्यसभा में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से सवाल पूछे। संदीप पाठक ने कहा कि जब भी प्रदूषण और पराली जलाने की बात आती है तो हमेशा किसानों पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है। मेरा मानना है कि देश में कोई भी किसान खुद से पराली नहीं जलाना चाहता है। जब वह पराली जलाता है तो सबसे पहले नुकसान उसको और उसके परिवार को होता है। इस समस्या का हल निकालने की जिम्मेदारी सभी सरकारों की होती है। मेरा माननीय मंत्री जी से सवाल है कि पराली को जलाने से रोकने के लिए मुआवजा देना बेहद जरूरी है। यही एक ऐसा तरीका है जिससे पराली को जलाने से रोका जा सकता है। पंजाब सरकार ने ऑफर दिया है कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को 1000 रूपए प्रति एकड़ मुआवजा देने के लिए तैयार है। अगर केंद्र सरकार भी 1500 रूपए प्रति एकड़ दे देती है तो यह एक पर्याप्त राशि हो जाएगी और यह एक बहुत अच्छा प्रयास होगा। क्या केंद्र सरकार इसके लिए तैयार है और उनका इसमें क्या प्रयास है?
राज्यसभा सांसद डॉक्टर संदीप पाठक ने दूसरा सवाल पूछते हुए कहा कि पराली को जलाने से रोकने के लिए अगर दीर्घकालिक और टिकाऊ जवाब खोजना है तो क्रॉप डायवर्सिफिकेशन (फसल विविधीकरण) एक बहुत फंडामेंटल पैरामीटर है। क्रॉप डायवर्सिफिकेशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या किसानों को पर्याप्त MSP मिलती है और अगर MSP मिलती है तो धान की MSP में कितना अंतर है। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को ऑफर दिया है कि जो धान और अन्य फसलों की MSP में अंतर है उसे पंजाब सरकार की तरफ से मुआवजा देकर पूरा किया जाएगा। क्या केंद्र सरकार इसके लिए तैयार है? क्या केंद्र सरकार इसी सेशन से इसको लागू करेगी?