आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बदनाम करने के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार के प्रयास विफल हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में संजय सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए कथित हेट स्पीच मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार द्वारा 13 विभिन्न स्थानों पर संजय सिंह के खिलाफ दर्ज मामले पूरी तरह से निराधार थे। इस पर ध्यान देते हुए उच्चतम न्यायालय ने संजय सिंह के खिलाफ दायर सभी मामलों को एक साथ क्लब नहीं करने पर भी सवाल उठाया है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा आज यह आदेश संजय सिंह द्वारा दायर याचिका पर दिया है। जिसमें कथित घृणास्पद भाषण 153ए, 153बी, 501, 505 (2) सहित विभिन्न आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई।
श्री संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘सत्यमेव जयते! माननीय उच्चतम न्यायालय ने मेरी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है, मुझे यकीन है कि न्याय होगा। विवके तन्खा के प्रति मेरा सम्मान। उन्होंने ईमानदारी और न्याय के साथ मेरा मामला प्रस्तुत किया।
वकील विवेक तन्खा ने बताया कि राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 को संदर्भित करती है जबकि मंजूरी धारा 196 (सीआर पीसी) के तहत दी जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता संसद सदस्य होने के नाते (राज्यसभा), याचिकाकर्ता पर मुकदमा चलाने से पहले राज्यसभा के सभापति की अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए थी।
सांसद संजय सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। अदालत ने सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले को मार्च 2021 के तीसरे सप्ताह में होगी।
इस दौरान पीठ ने निर्देशित करते हुए आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को धारा 153ए, 153बी, 501, 505 (2), आईपीसी के तहत पुलिस स्टेशन हजरतगंज, लखनऊ में पंजीकृत अपराध संख्या 221/2020 में गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी पर रोक लगाने के बाद संजय सिंह ने इसे सत्य की जीत बताया है। कहा है कि योगी सरकार द्वारा लादे जा रहे राजनीतिक मुकदमों से वह डरने वाले नहीं हैं। योगी सरकार प्रताड़ित करने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज करा सकती है, मगर जनता की आवाज उठाने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने न्यायालय में मजबूती से पक्ष रखने के लिए अपने अधिवक्ता वी. तंखा का आभार जताया। कहा, मुझे भरोसा है कि न्याय की जीत होगी।