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आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के नव निर्मित टर्मिनल-1 की छत गिरने के लिए भाजपा की केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार के कारण आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर एक व्यक्ति की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। ‘‘आप’’ केंद्र सरकार के सभी इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की सीबीआई जांच की मांग करती है। यह कोई आम हादसा नहीं है, बल्कि हत्या है। भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए 10 मार्च को आनन-फानन में टर्मिनल 1 की निर्माणाधीन बिल्डिंग का उद्धाटन करवाया था। प्रधानमंत्री हादसे के लिए अपनी गलती मानें और देशवासियों से माफ़ी मांगें। वहीं, बुधवार को भी प्रधानमंत्री द्वारा उद्धाटन किए गए जबलपुर हवाई अड्डे के नव निर्मित टर्मिनल की छत गिर गई। बिहार में तो पिछले एक साल में दर्जनों पुल टूटे हैं। ये सारे हादसे ’चंदा दो-धंधा लो’ मुहिम की वजह से हो रहे हैं। बीजेपी सरकार किसी को भी काम दे देती है, लेकिन उसकी मॉनिटरिंग नहीं करती है।

शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर ‘‘आप’’ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत गिरने की घटना बहुत दुखद है। दिल्ली समेत देशभर के तमाम एयरपोर्ट केंद्र सरकार की एजेंसी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तहत आते हैं। देश की राजधानी दिल्ली को देखकर दुनिया के लोग भारत के प्रति अपनी अवधारणा बनाते हैं। लेकिन दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की छत पहली बारिश में ही गिर गई। इस दुखद घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई और 8 लोग घायल बताए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की पूरी सहानुभूति और संवेदना इन सभी परिवारों के साथ है। यह कोई आम हादसा नहीं है, बल्कि हत्या है, क्योंकि यह वहीं टर्मिनल-1 है जिसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को किया था। यह बहुत गंभीर बात है कि 15 मार्च को चुनाव की घोषणा होने वाली थी, लेकिन टर्मिनल-1 की बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने से पहले ही प्रधानमंत्री ने 10 मार्च को उसका उद्घाटन कर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप शुक्रवार को हुई मानसून की पहली बारिश में ही उसकी छत गिर गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।

जस्मीन शाह ने कहा कि भाजपा चुनाव में अपना राजनीतिक फायदा उठाने के लिए अधूरे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन कर देती है, भले ही इससे लोगों की जान जाए, लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले दो दिन में ऐसे दो नए टर्मिनल के टूटने की बड़ी घटनाएं हुई हैं। गुरुवार को नव निर्मित जबलपुर डोमेस्टिक एयरपोर्ट टर्मिनल की छत भी पहली बारिश में गिर गई। इस हादसे में भी कई लोग घायल हो गए। जबलपुर टर्मिनल का उद्घाटन भी 10 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। केंद्र की भाजपा सरकार ने चुनाव की घोषणा से पहले आनन-फानन में सभी अधूरे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन कर दिया। यह बहुत दुखद घटना है। केंद्र सरकार को सभी मृतकों के परिवार को 1 करोड़ और घायलों को 50 लाख रुपए का मुआवजा देना चाहिए।

जस्मीन शाह ने कहा कि यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि नए-नए सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स किन परिस्थितियों में और किन लोगों को दिए जा रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स की पूरी पेमेंट होती है, लेकिन काम आधा-अधूरा होता है और कुछ दिनों बाद इनकी सारी कमियां बाहर आ जाती हैं। गुरुवार को जबलपुर डोमेस्टिक टर्मिनल और शुक्रवार को दिल्ली इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल 1 की बिल्डिंग की छत गिर गई। इसके अलावा जनवरी 2024 में मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाला 21 किलोमीटर का अटल सेतु ब्रिज का उद्घाटन भी खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। केवल 6 महीने बाद ही उसमें भी कई दरारें पड़ रही हैं। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? किसी प्रोजेक्ट के उद्घाटन के समय प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री वाहवाही लूटने के लिए पहुंच जाते हैं, लेकिन जब इनमें एक-एक कर कमियां निकलने लगती हैं तो ये लोग गायब हो जाते हैं। बिहार में पिछले एक साल में दर्जनों ब्रिज टूट कर गिर गए हैं। पिछले 1 हफ्ते में ही यहां 4 ब्रिज गिरे हैं। बिहार के किशनगंज में गुरुवार को 70 मीटर का ब्रिज गिरा है।

जस्मीन शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूरे देश में ‘चंदा दो और धंधा लो’ की मुहिम चला रखी है। यही कारण है कि आज इन प्रोजेक्ट्स में बड़े-बड़े घोटाले हो रहे हैं। किसी को भी बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट दे दिया जा रहा है, उसकी कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल 1 की यह घटना बेहद दुखद है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगते हुए अपनी गलती माननी चाहिए कि उन्होंने आनन-फानन में टर्मिनल 1 का उद्घाटन किया, जो गलत था। उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनीं चाहिए। इस हादसे में पीड़ित लोगों का केवल इतना कसूर था कि उन्होंने केंद्र सरकार पर भरोसा किया कि उसने लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा है। अगर दिल्ली के एयरपोर्ट टर्मिनल की ये हालत है तो हम समझा सकते हैं कि देश में चल रहे केंद्र सरकार के दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की क्या स्थिति होगी? इसलिए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की सरकार देश को बताए कि इस दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है? पहले लोगों की सुरक्षा को नजरअंदाज करके परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाता है और जब बाद में ऐसे हादसे होते हैं तो सरकार इसकी जिम्मेदारी लेने से पीछे हट जाती है। देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर चल रहे इस घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। भाजपा केवल चंदा लेने और फीता काटने के लिए ये इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स शुरू करती है। इसका जनता को बेहतर सुविधाएं देने से कोई लेना-देना नहीं है।

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