आम आदमी पार्टी ने तथाकथित आबकारी मामले में ईडी द्वारा कोर्ट में पेश वीडियो फुटेज से ऑडियो गायब किए जाने पर गंभीर प्रश्न खड़ा किया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह का कहना है कि बीते तीन फरवरी को एक आरोपी ने कोर्ट में कहा कि जब उसने ईडी से उसकी एक सरकारी गवाह के आमने-सामने की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मांगी, तो ईडी ने केवल वीडियो फुटेज दी, वीडियो में से ऑडियो पूरी तरह से गायब कर दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘आप’’ को पता चला है कि यह पहली घटना नहीं है, बल्कि ईडी ने कई अन्य वीडियो की ऑडियो को गायब कर दिया है। दरअसल, यह पूरा मामला ही फर्जी है। ईडी ने सरकारी गवाहों के बयानों पर यह पूरा केस खड़ा किया है। ईडी को बताना चाहिए कि पूछताछ की ऑडियो-वीडियो की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने के कोर्ट के आदेश के बावजूद उसने किसके दबाव में आकर वीडियो से ऑडियो को गायब कर दिया। उन्होंने कहा कि इस केस का मूल मकसद अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर आम आदमी पार्टी को खत्म करना है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर ईडी की जांच पर प्रश्नचिन्ह उठाया। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में दिल्ली का तथाकथित शराब घोटाला पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें पिछले दो साल से ईडी की जांच चल रही है। पूरे देश में ईडी अब तक हजारों रेड मार चुकी है, लेकिन एक चवन्नी की रिकवरी नहीं हुई है और न तो कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को लगातार जेल में भेजा जा रहा है। ईडी ने पहले जिन लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया था, उनमें से कुछ आरोपी अब सरकारी गवाह बन गए हैं। उन सरकार गवाहों के बयानों के आधार पर यह पूरा केस खड़ा किया गया है और झूठों का पूरा पुलिंदा बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकारी गवाहों के बयानों में कितनी सच्चाई है, हमें इसे समझने की जरूरत है। पिछले साल कई आरोपी और गवाहों ने कोर्ट में जाकर कहा था कि हमें डरा-धमका कर जबरदस्ती बयान पर हस्ताक्षर कराया गया है। एक गवाह ने कोर्ट में लिखित बयान दिया है कि मेरे कान के नीचे इतने जोर का थप्पड़ मारा गया कि कान के पर्दे फट गए, अब सुनाई नहीं देता है। दूसरे गवाह ने कहा है कि ईडी ने उससे कहा कि अगर आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं का नाम नहीं लोगे तो हम देखेंगे कि तुम्हारी बेटी कॉलेज कैसे जाती है? जबकि एक अन्य गवाह ने कहा कि मेरी बीवी को अरेस्ट करके डराया-धमकाया गया और एक नकली बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। इन तीनों गवाहों ने लिखित रूप में यह बयान कोर्ट के सामने रखा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह यह जांच चल रहा है।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसंबर 2020 को परमवीर सिंह सैन बनाम बलजीत सिंह व अन्य मामले में एक ऐतिहासिक ऑर्डर पास किया था। कोर्ट ने अपने आर्डर के पैरा 17 में साफ कहा है कि देश की हर जांच एजेंसी को पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड ऑडियो-वीडियो को सुरक्षित रखना है। क्योंकि कई ऐसे मामले आ रहे हैं, जिसमें गवाहों को डरा-धमका कर बयान लिया जा रहा है। ऑर्डर के पैरा 19 में साफ कहा गया है कि इस ऑर्डर का पालन ईडी को भी करना होगा, ताकि गवाहों और आरोपियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो सके। तथाकथित शराब घोटाले की जांच की शुरूआत 2022 के मध्य में होती है। इसके बाद 19 जुलाई 2023 को शराब घोटाले मामले में ईडी की स्पेशल कोर्ट के जज एमके नागपाल ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को दोहराया था। क्योंकि एक आरोपी ने पूछताछ की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की मांग की थी।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मिन शाह ने कहा कि बीते तीन फरवरी को एक आरोपी ने कोर्ट में कहा कि एक सरकारी गवाह से मेरा आमना-सामना कराया गया। उस दौरान की पूछताछ का बयान और ईडी द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत लिखित बयान में जमीन-आसमान का फर्क है। उसके दिए गए बयान और लिखित बयान में कोई तालमेल नहीं है। इसलिए मैंने ईडी से सीसीटीवी फुटेज मंगवाया। लेकिन ईडी ने जो फुटेज कोर्ट को दिया, उसमें केवल वीडियो था और पूरी ऑडियो को गायब कर दिया गया था। इस पर कोर्ट ने ईडी के अफसरों को खूब फटकार लगाई और कहा है कि 7 फरवरी 2024 को ईडी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखे। आम आदमी पार्टी को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि वीडियो से ऑडियो गायब करने की यह एकमात्र घटना नहीं है। कई अन्य वीडियो के साथ ऐसा किया जा चुका है। इस केस में अब तक 500 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन बाद में गवाह कोर्ट में कहते हैं कि हमको डरा-धमका कर बयान लिया गया है। यह तो ईडी ही बता सकती है कि कितने बयानों का ऑडियो-वीडियो रखा है और कितनों में से ऑडियो को गायब कर दिया गया है। आरोपी के वास्तविक बयान और ईडी द्वारा कोर्ट में पेश लिखित बयान में जमीन आसमान का अंतर चौकाने वाला है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही कहती आई हैं कि दिल्ली का तथाकथित शराब घोटाला एक फर्जी मुकदमा है। अब यह निकल कर सामने आ रहा है कि सरकारी गवाहों ने जो बयान दिए हैं, उसका भी कोई आधार नहीं है। तथाकथित शराब घोटाला पूरी तरह राजनीति प्रतिशोध था, है और अभी जारी है। इसका एकमात्र मकसद किसी भी तरह आम आदमी पार्टी को खत्म करो। अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के सारे नेताओं को जेल में डालो। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ईडी से दो प्रश्नों का जवाब चाहती है। पहला, ईडी को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को न मानने का अधिकार किसने दिया? किसने दबाव में आकर ईडी ने दिसंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को नहीं माना। जबकि यह ऑर्डर सभी जांच एजेंसियों पर लागू है। दूसरा, ईडी इतने सारे ऑडियो रिकॉर्डिंग क्यों और किसके दबाव में गायब किया।