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आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को साउथ गोवा और गुजरात की दो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस से सीट शेयरिंग पर कोई निष्कर्ष नहीं निकलने के बाद आज ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में पीएसी की बैठक हुई और प्रत्याशियों के एलान का निर्णय लिया गया। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने बताया कि साउथ गोवा सीट से बेंजी बिगास, गुजरात के भरूच से चैतर वसावा और भावनगर से उमेश भाई मकवाना ‘‘आप’’ के प्रत्याशी होंगे। हमें उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन इसे स्वीकार करेगा। दिल्ली में कांग्रेस की लोकसभा और विधानसभा में जीरो सीट है। इसलिए यहां उसकी एक भी सीट नहीं बनती है। फिर भी हम दिल्ली की 7 में से एक सीट कांग्रेस को ऑफर कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘‘आप’’ पूरी ईमानदारी से इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और इसे सफल बनाने के लिए हम पूरी ताकत झोंक देंगे। सीट शेयरिंग पर भरे मन से कहा कि ‘‘आप’’ और कांग्रेस के बीच अब तक केवल दो बैठकें हुई हैं और दोनों बेनतीजा रहीं हैं। पिछले एक माह से हम अगली बैठक का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कोई निष्कर्ष निकाला जा सके, लेकिन कांग्रेस कुछ स्पष्ट नहीं कर रही है।

हम पार्टी के बजाय देश हित की चिंता करते हुए इंडिया गठबंधन में आए हैं, हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है, पार्टी नहीं- डॉ. संदीप पाठक

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव पूरी मजबूती से लड़कर जीतने और इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर गंभीर विचार-मंथन हुआ। पीएसी की बैठक में हुए निर्णयों की ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. संदीप पाठक ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब पहली बार इंडिया गठबंधन के आइडिया को देश के सामने लाया गया था, तो पूरा देश बहुत उत्साहित हुआ था। देश के एक बहुत बड़े वर्ग में एक उम्मीद जगी थी। नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार का उद्देश्य अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना रह गया है, उनका उद्देश्य देश को आगे बढ़ना नहीं है। ऐसी स्थिति में जब इंडिया गठबंधन बना तो पूरे देश में उत्साह दिखा था। इंडिया गठबंधन का उद्देश्य यही था कि सभी घटक राजनीतिक दलों को एक साथ आकर, अपने स्वयं के राजनीतिक हितों की चिंता किए बगैर देश हित को ध्यान में रखकर इंडिया गठबंधन को चुनाव लड़ा कर और जिताकर जनता को एक अच्छी सरकार देने का था। हम भी जब इस इंडिया गठबंधन में आए तो हमारी भी एक ही इच्छा थी कि अपनी पार्टी के हितों के बारे में नहीं सोचना है, देश के बारे में सोचना है। देश महत्वपूर्ण है, पार्टी महत्वपूर्ण नहीं है। इसी उद्देश्य से हम भी इस गठबंधन में आए।

चुनाव जीतने के लिए समय पर प्रत्याशियों की घोषणा और चुनाव की प्लानिंग समेत अन्य मुद्दों पर बात करना जरूरी होता है- डॉ. संदीप पाठक

सांसद डॉ. संदीप पाठक ने स्पष्ट करते हुए कहा कि हम पूरी ईमानदारी, ताकत और लगन से इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं और गठबंधन को सफल बनाने के लिए हम अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। ईश्वर ने हमें जो कुछ भी शक्ति दी है, उस पूरी ताकत से इसे सफल बनाने में लगेंगे। लेकिन हमें इंडिया गठबंधन का उद्देश्य भी समझना होगा। इसका उद्देश्य साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना, जितना और देश को एक नया विकल्प देना है। अगर चुनाव लड़ना और जितना गठबंधन के पवित्र उद्देश्य का आधार है तो चुनाव लड़ने से संबंधित सारी चीजे महत्वपूर्ण हो जाती हैं। मसलन, समय पर प्रत्याशियों की घोषणा करना, चुनाव प्रचार की प्लानिंग करना, चुनाव को कैसे आगे बढ़ाया जाए समेत अन्य मुद्दों के बारे में सभी को मिलकर बातचीत करते रहना जरूरी है।

सीट शेयरिंग पर होने वाली बैठक को लेकर कांग्रेस नेताओं में कोई क्लियरिटी नहीं है- डॉ. संदीप पाठक

उन्होंने कहा कि इंडिया एयरलाइंस में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच अभी तक 8 जनवरी और 12 जनवरी के आसपास दो ही ऑफिशियल बैठक हुई है। यह दोनों बैठकों में बहुत अच्छे वातावरण में सारे मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। सीट शेयरिंग को लेकर इन दो बैठकों के अलावा पिछले एक महीने में कोई भी मीटिंग नहीं हुई है। हमें बैठक का इंतजार करते-करते एक महीने हो चुके हैं कि अगली बैठक में कुछ निर्णय निकलेगा और बात आगे बढ़ेगी। हमें बताया गया कि कांग्रेस की यात्रा चल रही है। इसलिए शुरू में बैठक में देर हो रही है और हम इंतजार करते रहे। इस बीच हमें कांग्रेस के कुछ प्रमुख नेताओं से मिलने का भी मौका मिला, लेकिन उनको भी बैठक को लेकर कोई क्लीयरिटी नहीं है कि अगली बैठक कब होगी। अब एक महीने से ज्यादा हो गए हैं। ऐसी स्थिति में अगर आपका उद्देश्य चुनाव जीतना है तो मन में प्रश्न उठता है और चिंता भी होती है कि इस तरह से चुनाव जीतना तो बड़ा मुश्किल हो जाएगा। यही चिंता है, जिसके कारण आज मुझे यहां बड़े भारी मन से प्रेस कांफ्रेंस करके सारी बातें कहने की जरूरत नहीं पड़ रही है। अगर हम सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत करते रहे होते तो आज इसकी जरूरत नहीं होती।

‘‘आप’’ असम में पहले ही तीन प्रत्याशी घोषित कर चुकी है और वो चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि कुछ दिन पहले ही ‘‘आप’’ ने असम में अपने तीन प्रत्याशियों की घोषणा की थी। मैं उम्मीद करता हूं कि इंडिया गठबंधन उसे स्वीकार करेगा। हमारे तीनों प्रत्याशी चुनाव की तैयारियों में पूरी शिद्दत से जुट गए हैं और बहुत अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है। समय को देखते हुए आज आम आदमी पार्टी साउथ गोवा से अपने एक प्रत्याशी की घोषणा करती है। बेनोलिम विधानसभा से ‘‘आप’’ विधायक बेंजी बिगास को प्रत्याशी बनाया गया है। मैं उम्मीद करता हूं कि इंडिया गठबंधन इसको स्वीकार करेगा और इसकी अनुमति देगी। गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की दो सीटें आई थी और दोनों सीटें साउथ गोवा में हैं। हमारे दोनों विधायक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और वहां लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। वहीं, कांग्रेस के गोवा में फिलहाल तीन विधायक हैं इसमें से दो विधायक साउथ गोव और एक नॉर्थ गोवा से है। इसलिए आम आदमी पार्टी को गोवा में एक सीट मिलनी चाहिए और जीत का उद्देश्य रखते हुए ‘‘आप’’ ने प्रत्याशी की घोषणा की है।

गुजरात में ‘‘आप’’ के 5 और कांग्रेस के 17 विधायक हैं, इसलिए हमने इंडिया गठबंधन से एक तिहाई 8 लोकसभा सीटें मांगी है- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने आगे कहा कि गुजरात में भी आम आदमी पार्टी आज दो प्रत्याशियों की घोषणा कर रही है। इसमें से भरूच लोकसभा सीट से पहले ही हमने चैतर वसावा को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इसके अलावा, गुजरात के भावनगर से उमेश भाई मकवाना उम्मीदवार होंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि इंडिया गठबंधन इसको स्वीकार करेगा और खूब मेहनत करके दोनों सीटें ‘‘आप’’ जीतेगी। बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें जीती थी और करीब 13 फीसद वोट मिला था। वहीं, कांग्रेस की गुजरात में 17 सीटें आई थी और 27 प्रतिशत वोट मिला था। अगर इसे शुद्ध रूप से वैज्ञानिक और मेरिट के परिप्रेक्ष्य में देखें तो आम आदमी पार्टी को एक तिहाई और कांग्रेस को दो तिहाई सीट मिलनी चाहिए। लिहाजा, गुजरात में आम आदमी पार्टी की 8 और कांग्रेस की 18 सीटें बनती हैं। इसलिए हमने इंडिया गठबंधन से 8 सीटें मांगी है। इसमें से आज दो सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है। बाकी के 6 सीटों पर कुछ दिन बाद विचार करके मीडिया के समक्ष रखेंगे।

दिल्ली में सीट शेयरिंग पर जल्द निष्कर्ष नहीं निकलता है तो ‘‘आप’’ कुछ दिनों में अपने छह प्रत्याशी घोषित कर देगी- डॉ. संदीप पाठक

दिल्ली के परिप्रेक्ष्य में सांसद डॉ. संदीप पाठक ने बताया कि लोकसभा और विधानसभा में कांग्रेस की जीरो सीट है। एमसीडी में 250 सीटों में से 9 सीटें कांग्रेस की है। अगर मेरिट के परिपेक्ष में पूरे आंकड़े को देखें तो दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की एक भी लोकसभा सीट नहीं बनती है। लेकिन यहां सिर्फ डेटा महत्वपूर्ण नहीं है। गठबंधन धर्म और कांग्रेस का सम्मान करते हुए हम दिल्ली में कांग्रेस को एक सीट ऑफर कर रहे हैं। हमारा यह प्रस्ताव है कि दिल्ली में कांग्रेस एक और ‘‘आप’’ 6 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े। हालांकि अभी हम दिल्ली में प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली के परिपेक्ष में कांग्रेस से बातचीत शुरू हो, जल्द कोई निष्कर्ष निकले और हम सभी अपने चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। अगर दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो हम अगले कुछ दिनों में 6 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर अपना काम शुरू कर देंगे।

इंडिया गठबंधन से सिर्फ चैतर वसावा ही भरूच सीट से भाजपा को हरा सकते हैं, दिल्ली में रह रहीं अहमद पटेल की बेटी का कोई जनाधार नहीं- डॉ. संदीप पाठक

गुजरात के परिपेक्ष में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि हमने भरूच सीट कांग्रेस से मांगा तो कहा गया कि यह इमोशनल सीट है। हमें बताया गया कि यहां अहमद पटेल चुनाव लड़ते थे और अब उनकी बेटी यहां से चुनाव लड़ेगी। भरूच लोकसभा सीट पर कांग्रेस की स्थिति आंकड़ों में देखें तो पता चलता है कि अहमद पटेल भरूच सीट से 1977 से 1991 तक चुनाव लड़े और आखिरी बार 1984 में कांग्रेस भरूच सीट जीती थी। पिछले 40 सालों से कांग्रेस भरूच से चुनाव नहीं जीत पाई है। इसके अलावा, 2019 में भाजपा को भरूच सीट पर 55 प्रतिशत और कांग्रेस को 26 प्रतिशत वोट मिले थे। अहमद पटेल 1984 में चुनाव जीते थे और इसके बाद से कांग्रेस लगातार यहां हार रही है। इसलिए भरूच की सीट न तो इमोशनल सीट है, न अहमद भाई की सीट है और न तो कांग्रेस की कोई विशेष सीट है, जहां जीतने की कोई संभावना है। मैं पूरी संजीदगी के साथ कहना चाहता हूं कि अगर भाजपा को हराना है तो कांग्रेस को परिवारवाद से बाहर निकलना पड़ेगा। हमें यह नहीं देखना पड़ेगा कि कौन किसका रिश्तेदार है, किसको टिकट देनी चाहिए। हमें पूरी शुद्धता के साथ इस बात पर जाना पड़ेगा कि कौन सी सीट, कौन जीत सकता है और भाजपा को कौन हरा सकता है। आज पूरा भरूच और आदिवासी समाज चैतर भाई वसावा को प्रत्याशी बनाना चाहता है। अगर वर्तमान में पूरे भरुच में अगर कोई इमोशनल बात है तो यही है कि वहां से चैतर वसावा को प्रत्याशी बनाया जाए। पूरी गंभीरता से यह कहना चाहता हूं कि अगर इंडिया गठबंधन की तरफ से भरूच सीट से भाजपा को कोई हरा सकता है तो चैतर वसावा ही हरा सकते हैं। इसलिए हमें किसके परिवार की किससे क्या बनती है, यह देखने के बजाय ये देखना चाहिए कि भाजपा को कौन हरा सकता है। अहमद भाई की बेटी मुमताज दिल्ली में रहती हैं। उनके भरूच में कोई राजनीतिक पकड़ भी नहीं है। इसलिए आम आदमी पार्टी का मानना है कि भरूच सीट कोई इमोशनल सीट नहीं है और न तो कांग्रेस की सीट है।

चंडीगढ़-हरियाणा समेत अन्य राज्यों में सीट शेयरिंग पर चल रही बातचीत का भी जल्द निष्कर्ष निकला जाए- डॉ. पाठक

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता डॉ. संदीप पाठक ने अंत में कहा कि हरियाणा और चंडीगढ़ में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द बातचीत शुरू कर कोई निष्कर्ष निकालने चाहिए। पंजाब में पहले ही स्पष्ट है कि ‘‘आप’’ और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेगी। पंजाब के दोनों पार्टियों के नेता भी यही चाहते हैं। पंजाब की सभी लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेले लड़ेगी। इसके अलावा, चंडीगढ़, हरियाणा समेत जिन राज्यों में सीट शेयरिंग पर बातचीत चल रही है, उसका भी जल्द निष्कर्ष निकलाने चाहिए। आम आदमी पार्टी गठबंधन धर्म का पूरा सम्मान करती है। हमारा उद्देश्य देश को बचाना है। आम आदमी पार्टी महत्वपूर्ण नहीं है, देश महत्वपूर्ण है। लेकिन हमें यह देखना पड़ेगा कि भाजपा को कौन और कैसे हरा सकता है? इस पर हमें काम करना चाहिए। हमने आज जो घोषणाएं की हैं और बात करने की जरूरत पड़ी है, वो बहुत भारी मन से करने की जरूरत पड़ रही है। हम उम्मीद करते हैं कि आगे की बातचीत जल्द शुरू होगी और जल्द निष्कर्ष निकलेंगे। एक साथ मिलकर इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाएंगे।

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