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आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर अपने एक खास मकसद की पूर्ति के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए आज बड़ा हमला बोला। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा का कहना है कि विपक्षी दलों के जितने भी नेताओं पर सीबीआई-ईडी के केस चल रहे हैं, अगर वो अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके सारे मामले बंद हो जाएंगे। उन्होंने तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमंत विश्व सरमा, सुभेंदु अधिकारी, नारायण राणे और मुकुल राय का उदाहरण देते हुए कहा कि इन नेताओं की तरह अगर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, तेजस्वी यादव, संजय राउत, फरूख अब्दुल्ला, के. कविता भी अपनी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो जाएं तो इनके सारे केस बंद हो जाएंगे। भाजपा ऐसी वॉशिंग मशीन है, जिसमें एक तरफ से भ्रष्टाचारी डालो तो दूसरी तरफ से क्लीन चिट होकर निकलते हैं। राघव चड्ढा ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि भाजपा का एकमात्र मकसद भारत को विपक्ष मुक्त बनाना है, ताकि देश में सिर्फ एक ही पार्टी-एक ही नेता हो और विपक्षी दल या उसके नेता अपना सिर उठाने की हिम्मत न करें।

पार्टी मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे। इसी तरह, अगर तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, शिवसेना के संजय राउत, नेशनल कांग्रेस के फारूख अब्दुल्ला, कर्नाटक के कांग्रेस नेता डी.के. शिवकुमार, टीआरएस की के. कविता, आरजेडी के तेजस्वी यादव भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो उन पर ईडी-सीबीआई के सारे मुकदमें बंद हो जाएंगे। विपक्ष के नेताओं की एक लंबी लिस्ट है, जिन पर राजनीतिक साजिश के तहत ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। विपक्ष के जिन नेताओं पर ईडी-सीबीआई के मुकदमे दर्ज हैं और अगर वे सारे नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएं, तो इन पर ईडी-सीबीआई के चल रहे सारे मामले बंद हो जाएंगे। आज यही देश की सच्चाई है।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि ऐसे नेताओं की भी काफी लंबी सूची है, जो कभी विपक्षी दलों का हिस्सा थे। उन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और सीबीआई-ईडी ने उन पर मुकदमें दर्ज किए। जैसे ही वे लोग अपनी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए, उन पर चल रहे ईडी-सीबीआई के सभी मुकदमे बंद हो गए।

भाजपा में शामिल होते ही इन बड़े नेताओं के खिलाफ सारी जांच हुईं बंद

1- हिमंत विश्व सरमा बड़े राजनैतिक रणनीतिकार माने जाते हैं। इन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और एजेंसियों ने जांच शुरू की, तो ये कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद इनके खिलाफ सारी जांच बंद हो गई।

2- सुभेंदु अधिकारी, पश्चिम बंगाल में हुए तथाकथित चिटफंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त कहे जाते थे। उन्होंने टीएमसी का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद उनके खिलाफ सारी जांच बंद हो गई और भाजपा ने बतौर गिफ्ट उनको जेड प्लस सुरक्षा अलग से दे दिया।

3- नारायण राणे महाराष्ट्र के दिग्गज नेता हुआ करते थे। वे मंत्री भी रहे हैं। उन पर तथाकथित भ्रष्टाचार के कई मुकदमें दर्ज हुए और सीबीआई-ईडी ने जांच शुरू की। वे अपनी पार्टी को छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और सारे मुकदमें बंद हो गए।

4- मुकुल राय, ममता बनर्जी की पार्टी के बड़े नेता थे। वे भी तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और सभी मुकदमें बंद हो गए।

राघव चड्ढा ने कहा कि तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हिमंत विश्व शर्मा, सुभेंदु अधिकारी, नारायण राणे और मुकुल राय की तरह अगर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, तेजस्वी यादव, संजय राउत, फरूख अब्दुल्ला, के. कविता समेत जांच का सामना कर रहे विपक्षी दल के तमाम नेता अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो इन पर इनकम टैक्ट, पुलिस, सीबीआई-ईडी के चल रहे सभी मुकदमें बंद हो जाएंगे। भाजपा एक ऐसी वॉशिंग मशीन है, जो बिना डिटरजेंट पाउडर के ही दमदार सफाई देती है। एक तरफ से तथाकथित भ्रष्टाचारी डालो और दूसरी तरफ से क्लीन चिट होकर निकलते हैं।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि एक तरफ मनीष सिसोदिया हैं, जिन पर अगस्त 2022 में सीबीआई और ईडी ने मुकदमें दर्ज किए। अगस्त 2022 से मार्च 2023 तक भाजपा की इन एजेंसियों ने मनीष सिसोदिया के घर, पैतृक गांव, दफ्तर, बैंक अकाउंट, लॉकर की जांच की, लेकिन इनको एक पैसा भी नहीं मिला। इसके बावजूद राजनैतिक कारणों के चलते ईडी-सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पकड़कर जेल में बंद कर दिया। वहीं, दूसरी ओर, कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में भाजपा विधायक के घर से रेड में 8 करोड़ रुपए नकद मिला। लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। उनको जांच में भी नहीं बुलाया गया। भाजपा की इन एजेंसियों ने कोर्ट से उसको अग्रिम जमानत दिवला दी। यह एक ऐसा उदाहरण है कि रंगेहाथ 8 करोड़ रुपए कैश पकड़े जाने के बाद भी उस व्यक्ति को जेल में नहीं बंद किया जाता है, बल्कि ईडी-सीबीआई उसे कोर्ट से बेल दिलवाती है और जुलूस निकाल कर उसका अभिनंदन किया जाता है। मनीष सिसोदिया के यहां एक फूटी कौड़ी नहीं मिली और भाजपा विधायक के पास 8 करोड़ मिले, लेकिन आज मनीष सिसोदिया जेल में हैं और भाजपा विधायक जेल में नहीं है। मनीष सिसोदिया का एक ही अपराध है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का दामन थामकर लाखों बच्चों की जिंदगी बदलने का काम किया और भाजपा ने जब-जब अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए कहा, तब-तब मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं जहर खाना पसंद करूंगा, लेकिन भाजपा में शामिल होना पसंद नहीं करूंगा।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सीबीआई ने पिछले 8 सालों में (2014 से 2022 तक) जितने मुकदमें दर्ज किए, उनमें से 95 फीसद मुकदमें विपक्षी दल के नेताओं पर दर्ज किए।

2014 से 2022 के बीच इन पार्टियों के नेताओं पर सीबीआई ने दर्ज किए मुकदमें

तृणमूल कांग्रेस- तृणमूल कांग्रेस के 30 नेताओं पर सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं।
कांग्रेस- कांग्रेस के 26 नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें हैं।
आरजेडी- बिहार की पार्टी आरजेडी के खिलाफ 10 मुकदमें हैं।
बिजू जनता दल- उड़ीसा के नवीन पटनायक की पार्टी बिजू जनता दल के 10 नेताओं पर मुकदमें दर्ज हैं।
वाईएसआर सीपी- आंध्र प्रदेश की पार्टी वाईएसआर सीपी के खिलाफ 5 मुकदमें हैं।
बहुजन समाज पार्टी- बसपा के 5 नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें हैं।
टीडीपी- चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के खिलाफ 5 मुकदमें दर्ज किए हैं।
आम आदमी पार्टी- आम आदमी पार्टी के 4 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं।
समाजवादी पार्टी- समाजवादी पार्टी के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं।
एआईएडीएमके- एआईएडीएमके के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं।
सीपीएम- सीपीएम के 4 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं।
एनसीपी- एनसीपी के 3 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमें दर्ज किए हैं।
एनसी- नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के 2 नेताओं पर मुकदमें हैं।
डीएमके- डीएमके के 2 नेताओं के खिलाफ मुकदमें हैं।
पीडीपी- पीडीपी के 1 नेता के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है।
टीआरएस- टीआरएस के 2 नेताओं पर मुकदमा दर्ज है।

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि इन एजेंसियों का ऐसा दुरुप्रयोग आजाद भारत में आज तक नहीं हुआ। इसका मकसद सिर्फ एक है कि इस देश को विपक्ष मुक्त कर दो। भारत को विपक्ष मुक्त कर दो और भारत के लोकतंत्र को एकतंत्र में बदल दो। इनका एक ही लक्ष्य है कि भारत में एक ही पार्टी हो और एक ही नेता हो। इस देश में कोई भी गैर भाजपा पार्टी या नेता अपना सिर उठाने की हिम्मत न करे। इसलिए एक-एक नेता को पकड़-पकड़ कर जेल में डाला जा रहा है। विपक्षी पार्टियों की चुनाव लड़ने की क्षमताओं को खत्म कर किया जा रहा है। भाजपा चाहती है किइग इस देश में एकमात्र भाजपा ही बचे। देश को लोकतंत्र से एकतंत्र में बदले की भाजपा की कोशिश चल रही है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के जिन नेताओं पर सीबीआई के मुकदमें दर्ज हैं, उनको बुलाकर कहा जाता है कि भाजपा में शामिल हो जाओ। अगर भाजपा में शामिल हुए तो आप पर कोई मुकदमा नहीं होगा और बाइज्जत बरी कर दिया जाएगा। अगर भाजपा में शामिल नहीं हुए तो जेल में डाल देंगे।

मनीष सिसोदिया को जमानत न मिले, इसलिए सीबीआई ने अपने वकील को कोर्ट में पेश नहीं किया- राघव चड्ढा

राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि कल सीबीआई कोर्ट में मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने वाली थी। इस तथाकथित मुकदमें के सभी लोगों को जमानत मिल गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित करने और जमानत देने का विचार बना लिया था। लेकिन मनीष सिसोदिया को जमानत न मिले, इसके लिए सीबीआई ने अपने वकील को ही कोर्ट में पेश नहीं किया। सीबीआई का वकील पेश नहीं होने के कारण 11 दिन बाद की तारीख पड़ गई। अब मनीष सिसोदिया को 11 दिन और सीबीआई की कस्टडी में रहना होगा। इसके साथ ही, ईडी ने भी मुकदमा दर्ज कर मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने का मन बना लिया। एक ही केस और तथ्य हैं। लेकिन अलग-अलग एजेंसी पकड़ लेती है। भाजपा देश में एजेंसी-एजेंसी खेल कर विपक्ष को खत्म कर रही है। इनका मकसद साफ है कि इस देश को वन नेशन, वन पार्टी, वन लीडर में तब्दील कर दिया जाए। देश में कोई और नेता न बचे और भारत का लोकतंत्र एकतंत्र में तब्दील कर दिया जाए।

भारत से गोरे अंग्रेज तो चलेग गए, लेकिन आज काले अंग्रेजों को शासन है- राघव चड्ढा

उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत की कार्रवाई आगे न बढ़े और जमानत न मिले, इसके लिए सीबीआई ने अपने वकीलग को कोर्ट में पेश नहीं किया। यह साफ तौर पर दिखाता है कि ये एजेंसियां भाजपा के इशारों पर कनून का दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जेलों और इन एजेंसियों से नहीं डरती है। आम आदमी पार्टी संघर्ष के कोंख से जन्मी है। हमें वो संघर्ष का समय याद आता है, जब देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए भारत के अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने महीनों-सालों तक जेल में बिताए। अंग्रेजों के क्रूर हुकूमत से लड़ाई लड़ी और आखिर में विजयी हुए। गोरे अंग्रेज तो चले गए, लेकिन आज इस देश पर काले अंग्रेजों को शासन है। मनीष सिसोदिया स्वतंत्रता सेनानियों के दिखाए नक्शे कदम पर चलकर खुशी-खुशी जेल गए। हम संघर्ष करेंगे, लड़ाई लड़ेंगे। अंत में सत्य व अच्छाई की विजय होगी और बुराई व असत्य की हार होगी।

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