केजरीवाल सरकार के स्कूलों के शिक्षकों ने एक बार फिर दिल्ली के शिक्षा मॉडल का परचम लहराया। यूपीएससी द्वारा चयनित 334 प्रिंसिपल में से दिल्ली सरकार स्कूलों के लगभग 100 शिक्षक और उपप्रधानाचार्य चयनित हुए और पुरुष व महिला दोनों श्रेणी में प्रथम,द्वितीय व तृत्रीय स्थान पर दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक काबिज रहे।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में इन प्रिंसिपलों से मुलाक़ात करते हुए उन्हें बधाइयाँ दी। प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सभी 343 प्रिंसिपलों से मुलाक़ात करेंगे।
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री आतिशी नवनियुक्त प्रिंसिपलों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे नवनियुक्त प्रिंसिपलो के पास शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों का लंबा अनुभव हैं और ये सभी इन स्कूलों की चुनौतियों और ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझते है। ये हमारे स्कूलों की प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि करेंगे और स्कूल लीडर के रूप में कार्य करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रिंसिपल भर्ती की परीक्षा में पूरे देश के शिक्षकों ने भाग लिया और भर्ती किए गए कुल प्रिंसिपलों में से लगभग एक-तिहाई दिल्ली सरकार स्कूलों से हैं और शिक्षा को लेकर सरकार के विज़न से अवगत हैं।उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कहा कि अबतक आपने शिक्षक के रूप में भूमिका निभाई और अब आप सभी स्कूल लीडर के रूप में दिल्ली की शिक्षा क्रांति बड़ी भूमिका निभायेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में यह दिल्ली सरकार के लगातार प्रयासों का नतीजा है कि यूपीएससी ने अबतक के सबसे कम अवधि में इतनी बड़ी संख्या में प्रिंसिपल नियुक्त किए हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में इतनी बड़ी संख्या में प्रिंसिपलों की नियुक्ति होना ऐतिहासिक है। उन्होंने साझा करते हुए कहा कि यूपीएसई ने आखिरी बार 58 प्रिंसिपल की नियुक्ति की थी और इसकी प्रक्रिया यूपीएससी द्वारा 2011 में शुरू की गई थी और ये 2015 में पूरी हुई| यानि 58 पोस्ट को भरने में लगभग 5 साल का समय लगा था।
लेकिन केजरीवाल सरकार के प्रयासों का नतीजा रहा कि 24 अप्रैल 2021 को 363 प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की गई और फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2021 थी| इसके उपरांत यूपीएससी द्वारा 17 जुलाई 2022 की लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया| इस साल जनवरी के अंतिम व फ़रवरी के पहले सप्ताह में इंटरव्यू आयोजित किए गए। और आज इसके नतीजे आ गये है। यानी पूरी भर्ती प्रक्रिया 2 साल से भी कम समय में पूरी हो गई और नवनियुक्त प्रिंसिपलों की संख्या भी पिछली बार की तुलना में 7 गुणा अधिक है।
नवनियुक्त प्रिंसिपलों ने क्या कहा?
पुरुष वर्ग में यूपीएससी की प्रिंसिपलों की नियुक्ति में पहला स्थान हासिल करने वाले सुशील जैन ने कहा, “मैं सर्वोदय विद्यालय, भलस्वा गांव में स्कूल प्रमुख के रूप में काम कर रहा हूं। शिक्षा निदेशालय के स्कूलों में मैं बहुत लंबे समय से काम कर रहा हूँ और यहाँ से मुझे जो कुछ सीखने को मिला है उससे मुझे शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने की अपनी क्षमताओं को खोजने में मदद मिली है। सरकार द्वारा मुझे सिंगापुर में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा गया इन सभी अनुभवों से मुझे ये परीक्षा पास करने में बहुत मदद मिली।
नवनियुक्त प्रिंसिपल नीलम यादव ने कहा, मुझे दिल्ली सरकार के स्कूल में बतौर टीचर 17 साल का अनुभव है और बाद मैंने एससीईआरटी दिल्ली में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम किया। मैंने स्कूल में एक शिक्षक के साथ-साथ एससीईआरटी में योजना बनाने और उसके कार्यान्वयन पर लाम किया। अब इन दोनों अनुभवों के माध्यम से मैं स्कूल लीडर के रूप में अपने स्कूल के हर बच्चे तक बेहतर शिक्षा पहुँचाने का काम करूँगी।