दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं और उसके लक्ष्यों पर बात करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में सरकार बनने के बाद जो कुछ भी आप सरकार को विरासत के रूप में मिला था उसके अच्छे या बुरे होने पर फोकस ना करके इस बात पर फोकस किया कि जो कुछ भी उपलब्ध है उसे बेहतर कैसे बनाया जाए? दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के आने से पहले तक स्वास्थ्य सेवाएं समाज में सिर्फ कुछ वर्गों तक पहुंचा देने को ही सरकारें अपनी जिम्मेदारी समझती थी जो गलत था।
दिल्ली में सरकार बनने के बाद जो सबसे पहला लक्ष्य रखा गया, वह था स्वास्थ्य सेवाओं को दिल्ली के हर नागरिक तक पहुंचाना, जिसके लिए ट्रायल तौर पर 100 मोहल्ला क्लीनिक खोले गए और इन्हें अलग अलग स्टैंडर्ड वाली सोसाइटी में खोला गया, जो आश्चर्यजनक बात सामने आई वह यही थी कि इस तरह की क्लीनिक को पिछड़े इलाकों में तो सफलता मिली ही इसके साथ-साथ मिडिल क्लास कॉलोनियों में भी ज़बरदस्त सराहना मिली। आज एक अच्छे मध्यवर्गीय परिवार के लिए भी अपने रूटीन चेकअप और इलाज के लिए भी मोहल्ला क्लिनिक बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। पहले जहां लोग महीने में एक बार या कई महीनों में एक बार रुटीन चेकअप करवाते थे अब लोग गाड़ी की रिपेयरिंग करवाने जाते हुए भी अपनी जांच करवा लेना उचित समझते हैं और ऐसी हर विजिट में 1000 से ₹2000 तक की बचत करते हैं।
जैन ने अपनी बातचीत में बताया कि जब मोहल्ला क्लीनिक बनाने का विचार आया तो हमें ऐसा लगता था कि साल डेढ़ साल में प्रोजेक्ट का टारगेट पूरा हो जाएगा, लेकिन इसकी फाइल क्लियर होने में ही काफी समय लग गया पर उन्होंने यह उम्मीद जताई कि अब जब फाइनेंस क्लियर हो चुकी है, स्वीकृति मिल गई है तो दिल्ली सरकार बहुत जल्द अपने हजार मोहल्ला क्लीनिक के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। वर्तमान समय में कुछ राजनीतिक लोग अफवाहों और राजनीति के जरिए मोहल्ला क्लीनिक को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं लेकिन वे कभी सफल नहीं हो सकते।
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जहां तक बात है स्कूलों के पास बनने वाले 300 मोहल्ला क्लिनिक के बारे में, सबसे पहली बात तो यह कि लोगों में एक भ्रम फैला हुआ है कि यह मोहल्ला क्लीनिक स्कूल के कैंपस में बनेगा जबकि ऐसा नहीं है, सत्येंद्र जैन ने बताया कि यह मोहल्ला क्लीनिक स्कूल की बाउंड्री वॉल के सहारे बनाए जाएंगे, इसके पीछे की थीम यह है कि अब तक स्कूलों में बच्चों की हेल्थ केयर के लिए कैंपेन चलाया जाता था लेकिन इसमें हर स्कूल का नंबर तकरीबन 2 साल के बाद आता था, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे मोहल्ला क्लीनिक के प्लान के हिसाब से हर स्कूल के हर बच्चे के लिए उसके हर टेस्ट की एक निश्चित शेड्यूलिंग होगी जिसमें कोई टेस्ट 1 महीने में तो कोई टेस्ट 2 महीने में और कोई टेस्ट 4 महीने में करवाया जाएगा। इस मोहल्ला क्लीनिक की विशेषता यह होगी कि इनमें 2 घंटे का समय उस मोहल्ला क्लीनिक से रिलेटेड स्कूल के लिए निर्धारित होगा। उन दो घंटों के समय में पब्लिक के लिए मोहल्ला क्लीनिक काम नहीं करेंगे, क्लिनिक में दो गेट होंगे जिनमें से सामान्य समय में बाहर का गेट खुला होगा और जिन 2 घंटे में स्कूल के बच्चों के लिए हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइड की जाएंगी उस समय पर बाहर का गेट बंद होगा जबकि अंदर का गेट खुला होगा।
लोगों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि मोहल्ला क्लीनिक की वजह से बच्चों में संक्रामक रोग फैलने की संभावना होगी, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है यह एक ओपीडी सर्विस है। किसी बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे अपने स्कूल के साथ ही एक नियमित डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध होगी। जैसा कि हमें पता है कि हमारे बच्चे कई तरह की जांच के दौर से नहीं गुजर पाते हैं तो उन्हें मोहल्ला क्लीनिक के पूरे 212 टेस्ट की सुविधा मिलेगी।
मोहल्ला क्लीनिक को विश्वभर में मिल रही तारीफ़ के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक ऐसा होता था कि लोग सेवाएं देने के बारे में सोचते थे लेकिन यह नहीं सोचते थे कि अगर यही सेवाएं उन्हें मिले तो कैसी होंगी?
दिल्ली सरकार ने प्रयास शुरु किया और 10 से 12 किलोमीटर दूर तक का चक्कर लगाने वाले लोगों को अपने घर के नजदीक स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, जिसके कारण ही मोहल्ला क्लिनिक को कॉफी अन्नान, नार्वे की पूर्व प्रधानमंत्री और साथ ही बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रशंसा भी मिली हैं।
दिल्ली सरकार ने पहले दवाइयां मुफ्त की और फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर पहले जांच मुफ्त की और अब सर्जरी।
खास बात यह है कि अब तक यह होता आया था कि जिन लोगों को एम आर आई और सिटी स्कैन जैसे महंगे या छोटे-छोटे टेस्ट के लिए ₹10000 या ज्यादा खर्च करने पड़ते थे लेकिन अब दिल्ली सरकार की इन योजनाओं ने लोगों को यह सारी सुविधाएं फ्री कर दी हैं और इस फ्री के पीछे पूरी इकोनॉमिक्स है, जिसके अनुसार जो मशीनें महंगी हैं उनमें दिल्ली सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल से अनुबंध किया है और उसके आधार पर लोगों को इकोनॉमिक रूप से मुफ्त सेवाएं दी जा रही हैं।
यह अब तक एक चिंता का विषय होता था कि अगर किसी को ऑपरेशन की तुरंत जरूरत है और सरकारी अस्पताल में 1 महीने तक ऑपरेशन की डेट उपलब्ध नहीं है तो फिर उस व्यक्ति की तबियत ज्यादा ख़राब हो सकती है या वह गंभीर समस्या में पड़ सकता है, इसके लिए दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली के नागरिकों के लिए मुफ्त ऑपरेशन की व्यवस्था की है।
आज यह दिल्ली सरकार की नीतियों का ही असर है कि पहले जो लोग सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में जाने से कतराते थे अब वे लोग भी मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली की सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसा कर रहे हैं।
जैन ने लोगों को डेंगू और चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए भी तरीके बताए, उन्होंने कहा है कि हमें किसी भी तरह से सभी दिल्लीवासियों को मिलकर मच्छरों के प्रजनन और उनसे फैलने वाली बीमारियों को रोकना होगा और दिल्ली सरकार इस विषय में पूरी तरह से प्रयासरत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार बहुत जल्द एक्सीडेंट विक्टिम को हॉस्पिटल पहुंचाने वालों को ₹2000 का इनाम देने की प्रक्रिया पर काम कर रही है और यह योजना जल्द ही धरातल पर लागू होगी।
इसके अलावा दिल्ली सरकार ने एक विशेष सेवा यह भी शुरु की है कि फायर एक्सीडेंट विक्टिम और एसिड अटैक विक्टिम को तुरंत इलाज के लिए अब सरकारी अस्पतालों तक जाने की जरूरत नहीं होगी और उनका इलाज आपातकालीन स्थिति में प्राइवेट अस्पतालों में भी निशुल्क किया जाएगा।
दिल्ली सरकार वर्तमान समय में जिस तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मोहल्ला क्लीनिक या अपनी स्वास्थ्य योजनाओं के द्वारा दे रही है वह सेवाएं अब तक विकसित देशों में भी उपलब्ध नहीं हो पाई हैं! हम अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं।
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